विदेश मंत्री एस. जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar) ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA)का विरोध करने वालों पर बड़ी टिप्प्णी की है. एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ‘हर कोई नागरिकता को एक संदर्भ में देखता है; मुझे कोई भी ऐसा देश बताइए जो कहता हो कि दुनिया के हर व्यक्ति का वहां स्वागत है.’
वैश्विक शरणार्थी समस्या की ओर इशारा करते हुए जयशंकर ने कहा कि- ‘हमने सीएए के जरिए देश विहीन लोगों की संख्या घटाने की कोशिश की; इसकी प्रशंसा होनी चाहिए.’ उन्होंने संसद के अधिकार का जिक्र करते हुए कहा- ‘कोई भी यह नहीं कह सकता कि सरकार या संसद के पास नागरिकता की शर्तें निर्धारित करने का अधिकार नहीं है;
हर सरकार ने यह किया है.’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) द्वारा CAA के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट दायर किये गए एक आवेदन के संबंध में विदेश मंत्री ने संस्था के निदेशक द्वारा जम्मू-कश्मी पर दिये बयान का जिक्र करते हुए कहा- ‘UNHRCके निदेशक पहले भी गलत हो चुके हैं.’ उन्होंने कहा कि ‘UNHRC सीमा पार के आंतकवाद के मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमता रहता है जैसे कि उसके ठीक बगल के देश से कोई लेना-देना नहीं है.’ विदेश मंत्री ने कहा, ‘कृपया समझने की कोशिश करें कि उनका संबंध कहां से है; यूएनएचआरसी के रिकॉर्ड को देखें कि वे पूर्व में कश्मीर मुद्दे से कैसे निपटे हैं.’
RCEP के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा, ‘क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से बाहर निकलना भारतीय कारोबार के हित में था.’