राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल वृद्ध जनों,बच्चों और अन्य जरूरतमन्दों के प्रति संवेदनशील रहती है। वह समय समय पर वृद्धाश्रम व आंगनबाड़ी आदि स्थानों का भ्रमण करती है। सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाओं को सेवा कार्यों में सहयोग की प्रेरणा देती है। आनन्दी बेन ने कहा कि बुढ़ापा जीवन का सत्य है। जीवन के इस पड़ाव में अपने ही सहारा बनते हैं। इसलिए माता-ल पिता बच्चों को पढ़ाते हैं और जीवन की सही राह दिखाते हैं ताकि वह परिवार और समाज के मददगार बन सकें।
लेकिन वृद्धावस्था में कुछ नासमझ बच्चे बड़े होने के बाद राह भटक जाते हैं जिस कारण बूढ़े माता-पिता को इधर-उधर भटकना पड़ता है। हमें उनकी पीड़ा को समझना चाहिए। आनंदीबेन पटेल ने औरैया के ग्राम आनेपुर में स्थित माधव हैप्पी ओल्ड एज होम वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया तथा वहां रह रहे वृद्धों की समस्याओं को जाना। उन्होंने वृद्धाश्रम के संचालकों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से बैठक कर वहां व्याप्त समस्याओं के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिये।
राज्यपाल ने वृद्धजनों की सुविधा हेतु वृद्धाश्रम को वाशिंग मशीन, फ्रिज व सिलाई मशीन भेंट की। उन्होंने औरैया स्थित गैस अथारटी आफ इण्डिया लि के सरगम हाल में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं, प्रगतिशील कृषकों तथा कृषक उत्पादक संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। तत्पश्चात उन्होंने क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को गोद लेने वाली संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत किये गये प्रस्तुतीकरण को देखा।
आनंदीबेन पटेल ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जो किसान जैविक खेती के उत्पाद तैयार करते हैं उन्हें मण्डी में उचित स्थान दिया जाये, जिससे कि किसान अपना उत्पाद अधिक से अधिक ग्राहकों को बेच सकें और अधिक से अधिक लोग जैविक खेती के उत्पाद खरीद सकें और उनका इस्तेमाल कर सकें। जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाये, इसके लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जनपद में अभियान चलाकर टीबी से ग्रसित बच्चों को चिहिन्त कर गोद लिया जाय।अधिकारियों डाक्टरों, एनजीओ एवं गेल एनटीपीसी जैसी बड़ी-बड़ी कम्पनियों द्वारा बच्चों को गोद लिया जाये। उनके पालन-पोषण व शिक्षा की व्यवस्था की जाये।