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सबको शिक्षा का संकल्प

केंद्र व प्रदेश की वर्तमान सरकार शिक्षा के व्यापक प्रसार की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। गत वर्ष नई शिक्षा नीति लागू की गई। इसमें मातृभाषा को प्रोत्साहन दिया गया। गरीब बच्चों को इसका सर्वाधिक लाभ होगा। उन्हें अपनी प्रतिभा के अनुरूप आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में ऑपरेशन कायाकल्प चलाया। इससे बेसिक शिक्षा में व्यापक सुधार हो रहा है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल भी इसके दृष्टिगत सजग रहती है। वह गरीब बच्चों व बालिकाओं की शिक्षा पर भी ध्यान देती है। उच्च शिक्षण संस्थान व समाज के सहयोग से शिक्षा का व्यापक प्रसार हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि हर वर्ग के बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा मिले, इसी सपने को साकार करने के लिये प्रदेश सरकार ने प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाते हुए शिशु देखभाल एवं डिजिटल लर्निंग की शुरूआत की है तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों को टेबलेट दे रही है।

 

आंगनबाड़ी केन्द्रों की सहायता

राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय तथा उससे सम्बद्ध कालेज अपने आस पास के आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर उनके उत्थान में अग्रणी भूमिका निभायें। आंगनबाड़ी केन्द्रों को मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित करने,बच्चों के पढ़ने एवं खेलकूद के सामान उपलब्ध कराकर गरीब बच्चों की मदद करना पुण्य का कार्य है। इसलिए सभी कालेज अपनी क्षमता के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लें। आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय,मेरठ तथा उससे सम्बद्ध महाविद्यालयों द्वारा दो सौ इक्यावन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया गया। राज्यपाल ने इस कार्यक्रम को आनलाइन संबोधित किया। इन आंगनवाड़ी केन्द्रों को खेलकूद,पठन पाठन एवं पौष्टिक आहार वितरण किया गया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में छोटे छोटे गरीब बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। बच्चों में खिलौनों के प्रति आकर्षण होता है। अतः वे खेल-खेल में पढ़ना सीखेंगे तथा प्रेरक कहानियों के माध्यम से उन्हें शिक्षा व संस्कार दोनों प्राप्त होंगे।

सुपोषण पर ध्यान

आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर खाने पीने के लिए स्वच्छ बर्तन तथा पानी की बर्बादी को रोकने के लिए छोटे गिलास का इस्तेमाल करना चाहिए। बच्चों को पढ़ाने के लिये उम्र के हिसाब से रूचिपूर्ण पाठ्यक्रम तैयार करें तथा दीवालों पर शैक्षणिक चित्र बनाये जाये ताकि बच्चे देखकर सीखें और उनकी उम्र के हिसाब से खेल तय करें। उन्होंने कहा कि जमीन पर बैठकर पढ़ने से बच्चों के शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मेज की व्यवस्था होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आशा कार्यकत्री बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में दाखिले के के लिए प्रेरित करें। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पढ़ने वाले बच्चों का जन्मदिन आंगनबाड़ी केन्द्र पर ही बनाये, इससे बच्चे प्रोत्साहित होंगे। बच्चों की प्रतिभा को पहचाने और उनके हुनर के साथ उनको प्रेरित करना चाहिए।

इस अवसर पर राज्यपाल ने दस गर्भवती महिलाओं की प्रतीकात्मक गोद भराई करते हुए कहा कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर हेल्थ किट होनी चाहिए। राज्य सरकार सभी केन्द्रों पर हेल्थ किट उपलब्ध करा रही है। विश्वविद्यालयों को भी यह कार्य करना चाहिए। राज्यपाल ने ग्राम प्रधानों से अपेक्षा की कि वे इस कार्य में सहयोगी बनें तथा गांव के सर्वांगीण विकास हेतु कार्य करें ताकि सरकार द्वारा संचालित सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामवासियों को मिल सके। सभी ग्राम प्रधान संकल्प के साथ मेरा गांव कुपोषण मुक्त गांव,मेरा गांव क्षय रोग मुक्त गांव तथा मेरा गांव स्वच्छ गांव
अभियान चलाये।

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