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गोवर्धन पूजा के बाद की गई ‘गाय को राज्यमाता’ का दर्जा दिए जाने की मांग

चंद्रोदय मंदिर की गौशाला में अर्पित किए गए 108 प्रकार के दिव्य भोग

वृंदावन/मथुरा। भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर में गोवर्धन पूजा महामहोत्सव हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक परमार्थ सेवा समिति के सेवादार लालू भाई के द्वारा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ गौ माता को माल्यार्पण एवम् गौ ग्रास अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर मंदिर के भक्तों को संबोधित करते हुए लालू भाई ने कहा कि गौमाता आदि काल से सनातन धर्म का मूलाधार हैं। देश एवम् प्रदेश में गौ प्रेमी जनों की सरकार है। यही उपयुक्त समय है कि उत्तर प्रदेश में गौमाता को राज्य माता घोषित करके सम्मान प्रदान किया जाए।

कार्यक्रम संयोजक विवेक कुमार पटेल ने बताया कि इस पुनीत अवसर पर मंदिर के भक्तों द्वारा प्रातः कालीन बेला में श्री गिरिराज जी की परिक्रमा हरिनाम संकीर्तन करते हुए संपन्न की गई। वहीं संध्या बेला में मंदिर प्रांगण में नव निर्मित सुरभि गौशाला का उद्घाटन, गोवर्धन जी की पूजा मंदिर के भक्तों के पावन सानिध्य में हरिनाम संकीर्तन की मधुर ध्वनि के मध्य संपन्न हुई। इसके बाद सुरभि गौशाला में अन्नकूट पूजन, लखनऊ की संस्था लोक परमार्थ सेवा समिति के सहयोग से गौ माताओं के समक्ष 108 प्रकार का दिव्य भोग अर्पण कर, श्रीराधा वृंदावन चंद्र के समक्ष गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिए जाने लिए प्रार्थना की गई। समिति का मानना है कि उत्तर प्रदेश में यदि गाय को पशु की श्रेणी से अलग करके राज्यमाता का दर्जा प्रदान कर दिया जाए तो तो गाय को उचित सम्मान मिल सकेगा।

समिति ने मांग की है कि गौसेवकों की भावनाओं के अनुरूप एक सुझाव समिति का भी गठन करना चाहिए। इस समिति में गौ सेवा के काम में लगे साधु संतो को रखना चाहिए साथ ही वार्ड व गांव स्तर पर एक निगरानी समिति का भी गठन करना चाहिए जिससे गौ माताए भूख व प्यास से दम न तोड़ पाए। इस कार्यक्रम में मथुरा, आगरा, लखनऊ, दिल्ली सहित देश के कई प्रांतों और विदेशों से भी कई गौभक्त उपस्थित रहे।

गोवर्धन पूजा के साथ गौ को अर्पण किया गया 108 प्रकार का भोग

श्री धाम वृंदावन में चंद्रोदय मंदिर की सुरभि गौशाला में उत्तर प्रदेश की संस्था लोक परमार्थ सेवा समिति के सहयोग से गौ माताओं को 108 प्रकार का भोग अर्पण किया गया।

गौ माताओं के लिए 108 प्रकार का भोग तैयार करवाने वाले चंद्रोदय मंदिर के सेवादार विवेक कुमार ने बताया कि 108 प्रकार के भोग में 28 प्रकार के लड्डू, मेवे, फल, सब्जियां गुड, रेवड़ी आदि थे। लोक परमार्थ सेवा समिति के सेवादार लालू भाई ने बताया कि समिति कई बार श्री धाम वृंदावन व लखनऊ में 56 गौ माताओं को 56 भोग अर्पण कर चुकी है। समिति द्वारा गौ कथा का आयोजन और गौ चालीसा का वितरण और सामूहिक हरिनाम कीर्तन के अलावा मुख्यमंत्री को प्रेषित पोस्ट कार्ड अभियान चलाकर गौ माता को राज्य माता का दर्जा देने का अनुरोध किया जा चुका है। समिति का मानना है कि यूपी में कैबिनेट बैठक बुलाकर गौ माता को राज्य माता का दर्जा प्रदान करने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए और गौ माताओं के लिए अलग से गौ मंत्रालय की व्यवस्था करनी चाहिए और गौ माताओं के विकास के लिए योजनाएं बनाई जानी चाहिए।

उत्तराखंड में पारित किया गया ‘गाय को राष्ट्रमाता’ बनाए जाने का प्रस्ताव

गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है। विधानसभा में प्रस्ताव पारित करके केन्द्र के पास भेजा गया है। उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने विधानसभा में बिल पेश किया था। उन्होंने कहा है कि हम सभी (विपक्ष और सत्ता) गाय के महत्व से वाकिफ हैं। न सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों में इसका सम्मान किया जाता है। अगर गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिल जाता है तो इनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि गोवध बंद हो सके।

लखनऊ से अयोध्या भेजे गए गये थे गाय के गोबर से बनाये गये दिये

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के दीपोत्सव कार्यक्रम में प्रज्ज्वलन के लिए लखनऊ से गाय के गोबर से बनाये गये दियों को अयोध्या भेजा था। अपने सरकारी आवास पर इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व और त्योहार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, संरक्षण के लिए होते हैं। गोमय दीपों से जहां पर्यावरण का संरक्षण होगा, वहीं हमारी आस्था का भी सम्मान होगा। प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री गोपाला जी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा था कि इससे हम गौ संरक्षण के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। गोबर के दिए राष्ट्रीय गोधन महासंघ नई दिल्ली की ओर से बनाये गये थे।

रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी

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