मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण का मसला ऐसा फंसा है कि कांग्रेस और बीजेपी अपनी-अपनी सफाई देते घूम रहे हैं. इसी पर आज विधानसभा में कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव लाया जिसके जबाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा कि सरकार की पूरी कोशिश होगी कि पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण हो.
पंचायत चुनावों की घोषणा शिवराज सरकार ने अध्यादेश निकालकर की. इसमें पंचायतों का परिसीमन और सीटों के रोटेशन को परे रख दिया गया. इसके खिलाफ कांग्रेस पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट गयी.
आज विधानसभा में कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल के लाये स्थगन प्रस्ताव पर नेता विपक्ष कमलनाथ ने कहा कि जो हो गया सो हो गया अब हम चाहते हैं कि सरकार कहे कि ओबीसी का आरक्षण होना चाहिये, हम उनके साथ हैं. दोनों पार्टियों को मिलकर कोर्ट की शरण लेनी चाहिये. हम नहीं चाहते कि बिना आरक्षण पंचायत चुनाव हों.
सीएम शिवराज के इस बयान को कांग्रेस ने अपनी जीत बताया और दावा किया कि कांग्रेस के कारण सरकार को झुकना पड़ा और अब अपनी सफाई देनी पड़ी. उधर बीजेपी का कहना है कांग्रेस ओबीसी को लेकर ढोंग करती है कोर्ट में याचिका लगाने की जरूरत ही नहीं थी.