न्यू इंडिया अभियान में यूपी का योगदान प्रगति पर है। इस दिशा में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किये है। विगत साढ़े चार वर्षों के प्रयास फलीभूत हो रहे है। एक्सप्रेस वे, एयरपोर्ट मेट्रो, मेडिकल कॉलेज अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार,औद्योगिक विकास,पूंजी निवेश आदि उत्तर प्रदेश की पहचान से जुड़ रहे है। विकास के सभी क्षेत्रों में योगी सरकार के साढ़े चार वर्ष कई दशकों पर भारी है। इसमें भी विगत करीब दो वर्ष तक कोरोना आपदा रही है। इस अवधि में भारत ही नहीं दुनिया की गतिविधियां बाधित रही है। इसके बाबजूद योगी सरकार ने अनेक परियोजनाओं को रिकार्ड अवधि में पूरा किया है। कुशीनगर एयर पोर्ट,पूर्वांचल एक्सप्रेस वे सहित अनेक परियोजनाएं इसका प्रमाण है। अनेक परियोजनाएं निकट भविष्य में पूरी हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इनकी समीक्षा कर रहे है। पिछले कुछ समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में अनेक परियोजनाओं का लोकर्पण किया। इस सूची में कानपुर मेट्रो का संचालन भी शामिल हुआ। नरेंद्र मोदी ने मोदी कानपुर की स्मार्ट परिवहन की सौगात दी है। उन्होंने मेट्रो सेवा का शुभारंभ किया। आईआईटी कानपुर से मोती झील तक नौ किलोमीटर लंबे खंड का निरीक्षण करने के साथ ही उन्होंने मेट्रो से यात्रा भी की। कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना की पूरी लंबाई बत्तीस किलोमीटर है। इसे ग्यारह हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया।
प्रधानमंत्री ने डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाये गये बीना। पनकी मल्टीप्रोडक्ट पाइपलाइन परियोजना का भी उद्घाटन किया। करीब साढ़े तीन सौ किलोमीटर लंबी इस परियोजना की क्षमता लगभग साढ़े तीन मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। मध्य प्रदेश की बीना रिफाइनरी से लेकर कानपुर के पनकी तक फैली इस परियोजना क्षेत्र में बीना रिफाइनरी से पेट्रोलियम उत्पादों को पहुंचाने में सहायक होगा।प्रधानमंत्री मोदी आईआईटी कानपुर के चौवनवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने सभी छात्रों को पहली बार राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के अंतर्गत संस्थान में विकसित की गई डिजिटल डिग्रियां प्रदान की। एक समय था जब कानपुर भारत को भारत का मैनचेस्टर कहा जाता था। लेकिन विगत कई दशकों से यहां मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव होने लगा। फैक्ट्रियों के चलने की आवाज की जगह जनरेटर आ गए।
बिजली कटौती कानपुर की पहचान बन गई। यातायात की समस्या विकराल हो गई। विगत साढ़े चार वर्षों में कानपुर में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर ध्यान दिया गया। यहां बिजली आपूर्ति में सुधार बड़ी उपलब्धि रही। इस क्रम में कानपुर को मेट्रो की सौगात भी मिलने जा रही है। कुछ समय पहले योगी आदित्यनाथ ने कानपुर मेट्रो रेल के ट्रायल रन का शुभारम्भ किया था। तब उन्होंने रावतपुर नगर स्थित मेट्रो ट्रेन डिपो परिसर में बटन दबाकर प्रोटोटाइप मेट्रो ट्रेन के ट्रायल रन की शुरुआत की थी। योगी आदित्यनाथ ने सड़क मेट्रो व वायु मार्ग से यात्रा से संबंधित अभूतपूर्व कार्य किये है। जिला मुख्यालयों को फोर लेन मार्ग से जोड़ा गया है। तहसील एवं ब्लॉक मुख्यालय को फोर तथा टू लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के चार शहरोें में मेट्रो रेल संचालित हैं।
आगरा एवं कानपुर का नाम भी इसमें जुड़ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने के लिए पांच सौ पनचाबे किलोमीटर लम्बाई के देश के दूसरे सबसे बड़े एक्सप्रेस वे के रूप में गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस।वे के निर्माण हेतु तिरानवे प्रतिशत भूमि की व्यवस्था की जा चुकी है। राज्य सरकार ने अभी तक अपनी सभी एक्सप्रेस वे परियोजनाओं के लिए स्वयं ही वित्त व्यवस्था की है। राज्य सरकार आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे के मॉरगेज के माध्यम से गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था विचाराधीन रही है। केन्द्रीय बजट में देश के विभिन्न भागों में समन्वित विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दिया गया।
राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की वृहद अवधारणा प्रतिपादित की है। डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर भी बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे पर ही है। इसके साथ ही गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का भी प्रगति पर है। बलिया लिंक एक्सप्रेस वे को स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके लिए भूमि की व्यवस्था की जा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद केंद्र की योजनाओं पर तेजी से कार्य शुरू किया गया। इसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं। उनकी सरकार सभी एक्सप्रेस वे के निकट औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रही है। एक्सप्रेस वे निर्माण के संबन्ध में योगी आदित्यनाथ ने नजरिया ही बदल दिया है। अब एक्सप्रेस वे यातायात का माध्यम मात्र नहीं है। बल्कि योगी ने इसे औद्योगिक विकास से जोड़ कर अभिनव कार्य किया है। विकास के जिन क्षेत्रों में योगी सरकार ने कीर्तिमान स्थापित किये हैं। उसमें कनेक्टिविटी भी शामिल है।
राज्य में गंगा एक्सप्रेस वे सहित विभिन्न एक्सप्रेस वे का निर्माण प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल वप्रदेश सरकार की एक जनपद एक उत्पाद योजना को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने में सहायक होंगे। स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में विगत साढ़े चार वर्षों में अवस्थापना सुविधाओं का अभूतपूर्व अध्याय जुड़ा है। एक्सप्रेस वे व एयर पोर्ट निर्माण आदि के कीर्तिमान स्थापित हो रहे है। नोयडा एयर पोर्ट निर्माण के साथ यह विकास यात्रा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित होगी। इसके पहले कुशीनगर एयर पोर्ट लोकार्पण की चर्चा दुनिया में हुई थी। बीस देशों के प्रतिनिधि इस लोकार्पण समारोह में सम्मिलित हुए थे। इसी प्रकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लोकार्पण कार्यक्रम पर भी दुनिया की निगाह थी क्योंकि इस एक्सप्रेस वे पर भारत की मजबूत वायु सेना के शौर्य का प्रदर्शन हुआ था। कुछ समय बाद उत्तर प्रदेश एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का निर्माण कराने वाले राज्य का गौरव हासिल कर लेगा। जेवर जैसे हवाई अड्डे का निर्माण करने वाला भारत दुनिया का चैथा देश होगा।
यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तरी भारत में लॉजिस्टिक्स का एक वैश्विक हब बनेगा। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण काफी पहले शुरू हुआ था। इसके बाद पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे वाला यूपी देश का एकमात्र ऐसा राज्य होगा। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कार्य चल रहा है। लखनऊ और वाराणसी पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में संचालित हो रहे हैं। नोयडा अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट के नजदीक फिल्म सिटी का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जिस पर करीब एक हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। एयरपोर्ट के निकट छह एकड क्षेत्रफल में हॉस्पिटल व ट्रामा सेंटर बनेगा। यहीं पर एटीएस का मुख्यालय बनेगा इसमें एटीएस का ऑफिस और आवासीय परिसर होगा। प्रदेश सरकार ने एयर कनेक्टिविटी के कार्यों को बहुत तेजी से आगे बढ़ाया है। आज उत्तर प्रदेश में नौ एयरपोर्ट क्रियाशील हो चुके हैं। पांच वर्ष पहले प्रदेश के एयरपोर्ट केवल पच्चीस स्थलों से जुड़े हुए थे।
अब इनकी संख्या अस्सी हो गई है। प्रदेश सरकार ग्यारह नये एयरपोर्ट को विकसित करने का कार्य कर रही है। जनपद सोनभद्र,चित्रकूट, ललितपुर,आजमगढ़, श्रावस्ती,अलीगढ़, सहारनपुर,मेरठ एवं मुरादाबाद में इन नये एयरपोर्ट के निर्माण की कार्यवाही अंतिम चरणों में है। विगत साढ़े चार वर्षों में प्रदेश में आधारभूत अवसंरचना को तेजी से विकसित किया है। ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर के निर्माण कार्यों के साथ ही, इस पूरे क्षेत्र को एक मल्टीमोडल हब के रूप में स्थापित किया जा रहा है। कनेक्टिविटी को लगातार मजबूत किया हैनेपाल,बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान हरियाणा एवं उत्तराखण्ड की कनेक्टिविटी को चार लेन से जोड़ने की कार्यवाही प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया अभियान में उत्तर प्रदेश सर्वाधिक उल्लेखनीय योगदान कर रहा है। योगी आदित्यनाथ ने नए भारत के नए यूपी को प्रतिष्ठित करने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश सरकार ने अब तक तीन लाख करोड़ से अधिक का निवेश हासिल करने में सफलता पाई है। साढ़े चार वर्ष पहले यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में देश में चैदाहवें स्थान पर था। आज प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे स्थान पर आ गया है। विकास व कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। इसके दृष्टिगत अनेक स्तरों पर प्रयास शुरू किए गए। पिछले दिनों नरेन्द्र मोदी ने लखनऊ में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और नगर विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय न्यू अरबन इंडिया कान्क्लेव का शुभारंभ किया था। उस समय उन्होंने करीब चार हजार आठ सौ करोड़ रुपये की पचहत्तर परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया था।
साठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की लगभग दो सौ पन्द्रह परियोजनाओं का शिलान्यास पहले हो चुका है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री,बैंकर्स सेशन, पावर एण्ड रिन्यूवल एनर्जी, टूरिज्म एण्ड फिल्म, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी,आई टी एण्ड आईटीईएस,अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड स्मार्ट सिटी, डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस तथा फार्मा इंडस्ट्री आदि पर फोकस किया गया है। नरेन्द्र मोदी प्रथम यात्री बनकर आइआइटी स्टेशन से मेट्रो में सवार होकर गीतानगर स्टेशन तक गए। निराला नगर मैदान से हरी झंडी दिखाई। कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में दो कॉरिडोर शामिल हैं, जिसकी लंबाई बत्तीस किमी से अधिक है। इसमें पहला आइआइटी से नौबस्ता तक करीब तेईस किमी का है। कॉरिडोर चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा तक आठ किमी का है। इसमें नौ एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों वाले प्राथमिक कॉरिडोर आइआइटी से मोतीझील तक संचालन के लिए तैयार हो गया है। मेट्रो में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक प्रयुक्त की गई। इसमें पैतीस प्रतिशत ऊर्जा बचत होगी। उर्जा का उत्पादन भी होगा। मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे।