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महान समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नाम पर ढाका में शुरु हुआ पुस्तकालय

नारी उत्थान के समर्थक और समाज सुधार ईश्वर चंद्र विद्यासागर के नाम पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक पुस्तकाल की शुरुआत की गई है। भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने मंगलावर को पुस्ताकल का उद्घाटन किया। इस बारे में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर जानकारी दी है।

भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने पुस्तकाल का किया उद्घाटन।

उच्चायोग ने अपने ट्वीट में लिखा कि ”उच्चायुक्त दोराईस्वामी 28/12/21 को “वी: वीमेन एंड ई-कॉमर्स” ईश्वर चंद्र विद्यासागर पुस्तकालय का उद्घाटन किया। भारतीय उच्चायोग ने अपनी तरफ से पुस्ताकलाय को पुस्तकें और ई-पाठक उपहार में दिया।

भारतीय उच्चायोग ने पुस्तकालय को उपहार में भेंट की पुस्तकें।

उच्चायोग ने ट्वीट में आगे कहा कि ‘भारतीय उच्चायोग ने महिला सशक्तिकरण में विद्यासागर की अग्रणी भूमिका को याद किया, जिसमें व्यावसायिक कौशल में सुधार के लिए महिलाओं के कौशल के कौशल को रेखांकित किया गया था।

कौन थे ईश्वर चंद्र विद्यासागर: 26 सितंबर, 1920 को पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले में जन्म लेने वाले ईश्वर चंद्र विद्यासागर राजा राममोहन राय के सिद्धांतों और उनके प्रयासों को आगे बढ़ाने वाले एक महान समाज सुधारक थे। भारतीय जनमानस में उनकी गिनती दार्शनिक, शिक्षक, लेखक, अनुवादक, प्रकाशक और उद्यमी के तौर पर की जाती है। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने नारी के उत्थान के लिए काफी कार्य किए। उन्होंने विधवा विवाह को हिंदू समाज में स्थान दिलवाया। उनके प्रयासों द्वारा 1856 में अंग्रेजी सरकार ने विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित कर इस अमानवीय मनुष्य प्रवृत्ति पर लगाम लगाने की कोशिश की। यहां तक की ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने अपने पुत्र का विवाह भी एक विधवा से ही किया था।

शाश्वत तिवारी
 शाश्वत तिवारी

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