लखनऊ। आदि गंगा गोमती की अविरलता और स्वच्छता को लेकर Lokbharti लोकभारती गोमती संरक्षण सप्ताह में आज धर्म संसद का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न धर्मों और पंथों के धर्मगुरु तथा विद्वानों ने भाग लिया और सब ने गोमती की स्वच्छता अविरलता के लिए एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया जिसमें सभी ने अपने अपने धर्म में जल और नदी के क्या महत्व है बताया इसके अलावा उन्होंने एकमत से जागरूकता फैलाने के लिए अपने अपने अनुयायियों से कार्य करने का फैसला लिया जिसमें प्रमुख रुप से महंत रामसेवक दास, गोमती बाबा ,पादरी शुभम ,मौलाना इरशाद अहमद नदवी, ज्ञानी देवेंद्र सिंह, ज्ञानी जसवीर सिंह, अकलन्त जैन, प्रेम सिंह बहाई गायत्री शक्तिपीठ के के बी सिंह, कबीरपंथी गंगादास , कुड़िया घाट आश्रम से आशा मिश्रा एवं योग ऋषि अविनाश ने अपने विचार रखे।
बाबा राम सेवक दास ने Lokbharti की धर्म ससंद में
Lokbharti की धर्म ससंद में बाबा राम सेवक दास ने बताया 1980 में गोमती जल को पीते थे भोजन बनाते थे वह करते थे अब गोमती काजल आचमन लेने में शर्म आती है लोकभारती के अभियान द्वारा गोमती स्वच्छ करने के अभियान के लिए हम उनके आभारी हैं गोमती सफाई में सरकार सहयोग नहीं करती है । तो हम लोग उसको कई भागों में विभाजित कर साफ-सुथरा करने का कार्य करेंगे गोमती को साफ-सुथरा रखने के लिए प्रभावी प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।
नूर फाउंडेशन के
इसके अलावा नूर फाउंडेशन के मौलाना इरशाद अहमद नदवी ने कहा लोक भारती द्वारा बहुत ही अहम काम का बीड़ा उठाया है आवाम में जागरूकता लाने के लिए नुक्कड़ सभाएं होनी चाहिए भारत एक खूबसूरत देश है। नदियों को द्वारा उसकी खूबसूरती बढ़ती है तो हम अपने देश में जल संरक्षण और स्वच्छता के लिए काम करें तथा इस्लाम में जल की महत्ता बहुत अधिक है यह 14०० साल पूर्व से ही बताया जा चुका है योग ऋषि अविनाश ने कहा जीवन में नदी का सर्वाधिक योगदान रहा है भारतीय संस्कृत में नदी को माता का स्थान दिया गया है।
पंचतत्व के शरीर में
गायत्री शक्तिपीठ के के पी सिंह ने कहा कि पंचतत्व के शरीर में सबसे महत्वपूर्ण धरती मां धरती से निकला हुआ यह जल मां के दूध के समान है । जल का स्तर बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए नदी में किनारे पौधों का रोपण करें रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून इसके अलावा इतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला से पधारे ज्ञानी देवेंद्र सिंह दर्दी ने कहा कि संसार में शरीर को जीवित रखने हेतु जल आवश्यक है । पहले40 फीट पर पानी मिल जाता था अब 400 फीट पर पानी मिल रहा है गंगा दास ने कहा कबीर पंथ के स्वयं को जल का संरक्षण करने के लिए आगे आना होगा तभी नदी संरक्षित होगी।
प्रार्थना के माध्यम से
प्रेम सिंह बहाई ने लोक भारती द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के लिए प्रार्थना के माध्यम से संदेश दिया की स्वच्छता रखने में ईश्वर मदद करें। अकलन्त जैन ने कहा कि पानी की एक बूंद बर्बाद करना अधर्म है कुड़िया घाट से पधारी आशा मिश्रा ने कहा नदी के घाट एवं किनारे स्वच्छ रखना हमारी जिम्मेदारी है पादरी शुभम ने कहा जल जिंदगी देता है मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है ,अतः हमारे जीवन हेतु जल अत्यंत आवश्यक है हमारा समाज जल संरक्षण हेतु हमेशा अग्रणी भूमिका निभाता है और निभाता रहेगा।
कार्यक्रम में प्रमुख रुप से
धर्म संसद के कार्यक्रम में प्रमुख रुप से लोक भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह प्राकृतिक कृषि अभियान के गोपाल उपाध्याय लोक भारती के संपर्क प्रमुख बृजेंद्र पाल सिंह गोमती अभियान के शेखर त्रिपाठी जल गुरु आईपीएस महेंद्र मोदी तथा एस आर ग्रुप के सीएमडी पवन सिंह चैहान ने भी भाग लिया कार्यक्रम के प्रभारी भारत सिंह और संयोजक सुनील मिश्र थे कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नवीन सक्सेना ने किया।