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शिक्षा पर संगोष्ठी- उज्जैन की धरती पर ‘भारतीय संस्कृति में शिक्षा के महत्व’ पर होगा आयोजन

मध्यप्रदेश। एक सभ्य समाज में शिक्षा एक अभिन्न अंग रखती है । ऐसे में आज के तेज़ी से बदलते परिवेश में शिक्षा के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी हो जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में भारतीय संस्कृति में शिक्षा का महत्व विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन होने जा रहा है। बुधवार 19 जनवरी को आयोजित होने वाला यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना संस्था की 177वीं राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी होगी और जिसे संस्था के उज्जैन तत्त्वाधान में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी संस्था के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने दी है। उन्होंने बताया कि संगोष्ठी का आयोजन संस्था के अध्यक्ष ब्रजकिशोर शर्मा के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में किया जा रहा है ।

मुख्यअतिथि के रूप में सम्मिलित होंगे गणमान्य-

राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. अशोककुमार भार्गव भोपाल (पूर्व संभागायुक्त), विशिष्ट अतिथि हरेराम वाजपेयी (अध्यक्ष हिन्दी परिवार इन्दौर), डॉ. अनसूया अग्रवाल(प्राचार्य शा. महाविद्यालय महासमुंद छग), डॉ. रविन्द्रकुमारसिंह(संयुक्त संचालक शिक्षा उज्जैन), जितेन्द्रकुमार शर्मा इन्दौर(पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन), डॉ. प्रकाश बरतुनिया(अध्यक्ष म.प्र. पाठय पुस्तक निगम, भोपाल), डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा(कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन), डॉ. हरिसिंह पाल(महामंत्री नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली),  सुवर्णा जाधव पुणे(राष्ट्रीय मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष), डॉ, सुरेखा मंत्री(राष्ट्रीय संयोजक इकाई महिला), अध्यक्षता डॉ. शहाबुद्दीन शेखपुणे(राष्ट्रीय मुख्य संयोजक), विशिष्ट वक्ता डॉ. मुक्ता कौशिक, डॉ. रेणू सिरोया, डॉ. प्रभु चौधरी, भुवनेश्वरी जायसवाल रहेंगे। संचालक डॉ. रश्मि चौबे होगी।

 

 

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