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आखिर क्यों केले के पत्तों पर भोजन करते हैं साउथ इंडियन लोग, जानिए यहाँ

अधिकांश साउथ इंडियन त्योहारों के मौके पर भोजन परोसने के लिए केले की पत्तियों का उपयोग करते हैं। इन पत्तों का इस्तेमाल ना केवल खाना परोसने, बल्कि खाना पकाने और साज-सज्जा के लिए भी किया जाता है। इन पत्तों को सबसे अधिक हाइजिनिक, पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। इन पत्तियों पर आप एक बार का सारा भोजन रख सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन पत्तों का इस्तेमाल खाना परोसने के लिए इतने लंबे समय से क्यों किया जाता है।

हम आपको बता दें केले के पत्तों को साफ करने के लिए अधिक प्रयास करने की जरुरत नहीं होती है। इन्हें बस एक बार थोड़े पानी से धोना होता है। सामान्य बरतनों को साबुन से धोया जाता है जिससे उनमें जर्म्स रहने की संभावनाएं होती हैं। लेकिन केले के पत्तों पर खाना खाते वक्त आप निश्चिंत रहते हैं। केले के पत्तों पर एक तरह की वैक्स कोटिंग होती है जिसमें एक विशिष्ट स्वाद होता है। इन पर गर्म भोजन परोसने से यह वैक्स पिघलती है और आपके खाने का स्वाद बढ़ा देती है।

इसी के साथ आप डिशवॉशर में बर्तन साफ करें या खुद से, साबुन या डिटर्जेंट का इस्तेमाल करते ही हैं। इन केमिकल्स के ट्रेसेस आपकी प्लेट्स और बरतनों पर फिर भी रह जाते हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। केले के पत्ते केमिकल से मुक्त होते हैं और ऐसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। केले के पत्तों में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पॉलीफेनॉल्स पाएं जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स कई पौधों से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों में पाएं जाते हैं।

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