हिन्दू धर्म में ऐसे बहुत सारे संस्कार होता है जिसमे लोगों को कुछ भी पता नहीं होता किन्तु इस संस्कार को निभाया जाता है। ऐसे ही Mundan Sanskar मुंडन संस्कार भी होता है। बहुत कम ही लोग जानते हैं की मुंडन क्यों करवाया जाता है।
जानें क्यों किये जाते हैं Mundan Sanskar
हिन्दू धर्म की कई परम्पराओ के मध्य Mundan Sanskar मुंडन संस्कार भी प्रायः सभी घरों में होता है। ऐसे में ये जानना भी आवश्यक होता है की आप जो संस्कार कर रहे उसके क्या लाभ हैं।
‘बच्चे की उम्र के पहले वर्ष के अंत में या तीसरे, पांचवें या सातवें वर्ष के पूर्ण होने पर उसके बाल उतारे जाते हैं और यज्ञ किया जाता है जिसे मुंडन संस्कार या चूड़ाकर्म संस्कार कहा जाता है।’
क्या लाभ हैं इस संस्कार के
- मुंडन करवाने के पीछे मुख्य कारण यह है कि जब बच्चा मां के गर्भ में होता है तो उसके सिर के बालों में बहुत से कीटाणु, बैक्टीरिया और जीवाणु लगे होते हैं। ये जीवाणु सामान्यतः साधारण तरीके से सर को धोने से नहीं निकलते ,इसलिए जन्म के एक से तीन साल के भीतर बच्चे का मुंडन कराया जाता है।
- कुछ ऐसा ही कारण मृत्यु के समय मुंडन का भी होता है। जब पार्थिव देह को जलाया जाता है तो उसमें से भी कुछ ऐसे ही जीवाणु हमारे शरीर पर चिपक जाते हैं।
- मुंडन करवाने से बच्चे का दिमाग व सिर ठंडा रहता है व बच्चों में दांत निकलते समय होने वाला सिर दर्द व तालु का कांपना बंद हो जाता है।
- शरीर पर और विशेषकर सिर पर विटामिन-डी (धूप के रूप) में पड़ने से कोशिकाएं जाग्रत होकर खून का प्रसारण अच्छी तरह कर पाती हैं जिनसे भविष्य में आने वाले केश बेहतर होते हैं।