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ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिंडोला में होला महल्ला गुरमति समागम आयोजित

अमृतसर के प्रसिद्ध विद्वान ज्ञानी सुखदेव सिंह ने होली की महत्ता और सत्य की विजय के सम्बन्ध में गुरमत विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि आज ही के दिन सरबंस दानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज ने आनन्दपुर साहिब में होला महल्ला मनाने की विधि सिखाई।

लखनऊ। दशमेश पिता साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज की ओर से आरम्भ की गयी होला महल्ला गुरमति समागम का आयोजन किया गया। परम्परानुसार खालसे की चढ़दी कला और न्यारेपन का प्रतीक, यह समागम, शुक्रवार को श्री गुरु सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव जी श्री गुरू सिंह सभा नाका हिण्डोला में बड़ी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


इस अवसर पर प्रातः 6 बजे श्री सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान आरम्भ हुआ जो दोपहर 1.30 बजे तक चला जिसमें रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी ने अपनी मधुरवाणी में – “होली कीनी संत सेवा। रंग लागा अति लाल देव।” शबद कीर्तन गायन कर आई साध संगत को भाव विभोर करते हुए गुरबाणी के रंगों में भिगोया।

अमृतसर के प्रसिद्ध विद्वान ज्ञानी सुखदेव सिंह ने होली की महत्ता और सत्य की विजय के सम्बन्ध में गुरमत विचारों से अवगत कराते हुए कहा कि आज ही के दिन सरबंस दानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी महाराज ने आनन्दपुर साहिब में होला महल्ला मनाने की विधि सिखाई। अकाल पुरख की बन्दगी एवं रसमयी कीर्तन से इस दिन नगर कीर्तन निकालते एवं सिंहों के दो दल बनाकर मुकाबले करवाते और शेर दिलों को पुरस्कार देते और इत्र एवं स्वच्छ गुलाल से होला महल्ला मनाते थे। सांसारिक रंगों से दूर रहकर गुरबाणी के रंगों में रंग प्रभु भक्ति में लीन रहने का उपदेश देते थे। गुरमत संगीत अकैडमी के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया।


शाम का दीवान 6.30 बजे रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ उसके उपरान्त सिमरन साधना परिवार के बच्चों दिवानशी दुआ (गिटार), गुरकीरत कौर (सिंथेसाइज़र), सिमरन कौर, वाद्यय यंत्रों द्वारा शबद कीर्तन एवं नाम सिमरन द्वारा समूह संगत को निहाल किया कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिह मीत ने किया। इस अवसर पर प्रातः एवं रात्रि के लंगर में पकौड़े ,मैगी, गुजिया,छोले कुलचे एवं राजमा चावल की सेवा संगत द्वारा की गई जिसका वितरण दशमेश सेवा सोसाइटी द्वारा हरमिन्दर सिंह टीटू, हरविंदर पाल सिंह नीता, कुलदीप सिंह सलूजा की देखरेख में किया गया।

दीवान की समाप्ति के पश्चात लखनऊ गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव जी नाका हिंडोला के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने आई समूह संगत को होले महल्ले की बधाई दी।

रिपोर्ट-दयाशंकर चौधरी

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