इसी बिगड़े हुए माहौल में नूपुर ने हमारे पैगम्बर पर अभद्र टिप्पणी कर दी। यह बयान भारत के ही नहीं, बल्कि समूची दुनिया के मुसलमानों को आहत कर गया। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी मुस्लिम देशों से दोस्ती कायम कर रहे हैं। दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के ही नेता मुसलमानों को खिझा रहे हैं। यह विरोधाभास ठीक नहीं है। भारत में तकरीबन 30 करोड़ मुसलमान रहता है। इतनी बड़ी आबादी को देश की मुख्यधारा से अलग करके न्यू इंडिया कभी नहीं बन पाएगा।
- Published by- @MrAnshulGaurav
- Sunday, June 12, 2022
ककुवा ने प्रपंच का आगाज करते हुए कहा- मुस्लिम समाज का आत्ममंथन करय क चही। सब जने का धार्मिक कट्टरता केरे फंदे ते निकरयक क चही। मुसलमानन का हिन्दू-मुस्लिम सहअस्तित्व केरे बारे म सोचय क चही। सगरा मुसलमान भारत का अपन देस मानय। हिंया केरी कार्यपालिका अउ न्यायपालिका प विश्वास करय। सभे अपने बच्चन का आतंकवाद, अलगाववाद अउ धार्मिक उन्माद ते दुरि राखयँ। कौनेव क बहकावे म न आवयँ। इहि तिना हिंदू समाज का अपनी सनातन संस्कृति अउ संस्कार सम्मत लोक व्यवहार करय क चही।
सनातन धरम सगरे विश्व का एकु परिवार मानत हय। हिन्दू तौ अपने धर्मिक अनुष्ठान मा उदघोष करत हय कि ‘विश्व का कल्याण हो, प्राणियों में सद्भावना हो।’ मुदा, मुस्लिम समाज महजिद म जुम्मा केरी नमाज पढ़िके सड़कन प उपद्रव करत हय। का महजिद म पथराव, हिंसा, आगजनी अउ मारकाट केरी शिक्षा दीन जात हय? उई शुक का कानपुर म बवाल काटिन। इ शुक का पूरे भारत म हिंसक प्रदर्शन किहिन। आखिर जुम्मे केरी नमाज म मुल्ला-मौलवी का सिखावत हयँ भाई?
चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर पलथी मारे बैठे थे। ककुवा, कासिम चचा, मुंशीजी व बड़के दद्दा आपस में कुछ खुसुर-पुसुर कर रहे थे। सुबह-सुबह चटक धूप निकली थी। आज हवा बिल्कुल नहीं चल रही थी। पेड़-पौधे मानो पत्थर के हो गए थे। सब गर्मी से बेहाल थे, किन्तु गांव के बच्चे कबड्डी खेलने मस्त थे। पुरई पशुओं को नहलाने में जुटे थे। मेरे चबूतरे पर पहुँचते हुए ककुवा ने पंचायत शुरू कर दी। उन्होंने कहा- मुस्लिम समाज को आत्ममंथन करना चाहिए। धर्मिक कट्टरता से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए। भारत के संविधान में विश्वास रखना चाहिए। उन्हें राष्ट्रभक्ति दिखानी चाहिए। वहीं, हिन्दू समाज को अपनी सनातन संस्कृति एवं संस्कार के मुताबिक व्यवहार करना चाहिए।
ककुवा ने सवाल खड़ा किया कि आखिर जुम्मे की नमाज के बाद ही मुस्लिम हिंसा क्यों करते हैं? मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद ही हिंसक क्यों हो जाते हैं? क्या मस्जिद में हिंसा का सबक सिखाया जाता है? सनातन धर्म में तो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना है। हम पंच तौ विश्व कल्याण केरी कामना करित हय।
इस पर चतुरी चाचा ने कहा- ककुवा, तुमरी बात म बड़ा दम हय। हिन्दू अउ मुसलमानन का नीक सलाह दिहौ हय। तुमरे यक्ष प्रश्नन क्यारु जवाब कोऊ न दै पायी। मुस्लिम समाज जुम्मे केरी नमाज क बादिन हिंसा करत हय। यहै करत जमाना बीतिगा भइय्या। मुसलमान थोरी-थोरी बातन प उग्र प्रदर्शन, पत्थरबाजी, आगजनी, मारकाट करय क अभ्यस्त हयँ। इ पंच शुक्रवार का एकजुट होइके पूरे देस म तांडव करत आये हयँ।
वोटन की लालच म सरकारें इन पय हमेशा मेहरबान रहीं। मुला, मोदी-योगी राज म सबका अनुशासन म रहय का परी। यहकी कोशिश कीन जाय रही। अरे! कौनिव चीज क्यार विरोध करय हय तौ करव। कोई रोके हय का? बस, अराजकता न फैलाव। कानून अपने हाथ म न लेव। जउन कुछु करव कानून केरे दायरे म करव। नूपुर शर्मा अपन टिप्पणी वापस लै चुकी। वह बेचारि माफिव माँग चुकी हय। वहिका भाजपा पार्टी ते बर्खास्तव कय चुकी हय। आखिर अउर का कीन जाय भाई? लोग देस-विदेस म हिन्दू देवी-देवतन का गरियायते हयँ। लोग-बाग हमरे भगवान का अपमानजनक बातें बोलत हयँ। मुदा, हम पंच कबहुँ हिंसक नाय होइत हय।
इसी बीच चंदू बिटिया प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गयी। आज जलपान में स्वादिष्ट नोनबरिया और आम का पना था। हम सबने पहले भरपेट नोनबरिया खाईं। फिर दो-दो गिलास खटमिट्ठा आम का पना पीया।
बड़के दद्दा ने बतकही को आगे बढ़ाते हुए कहा- उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में मुस्लिम सम्प्रदाय की उग्र भीड़ ने जुम्मे के दिन कोहराम मचाया था। मुसलमानों ने कानून अपने हाथ में लेकर पत्थरबाजी की। पुलिस और आमजन पर देसी बम, पेट्रोल बम फेंके। जगह-जगह आगजनी और मारकाट की। प्रयागराज में डीएम, एसपी सहित विभिन्न जिलों में तमाम पुलिस वाले और नागरिक घायल हो गए। बस, इतनी गनीमत रही कि योगी बाबा की कड़ाई के चलते हिन्दू-मुस्लिम दंगा नहीं हो पाया।
इसी से मिलती-जुलती तस्वीरें दिल्ली, पँजाब, राजस्थान व झारखंड सहित अन्य राज्यों से भी आई थीं। टीवी डिबेट में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने मोहम्मद साहब पर कोई टिप्पणी कर दी थी। अगले दिन उसे भाजपा ने निष्कासित कर दिया था। इसके अलावा नूपुर ने खुद बयान जारी करके कहा कि अगर मेरी बात से किसी को आघात लगा है तो मैं क्षमा चाहती हूं। इसके बाद भी कई मुस्लिम देशों में भारतीय उत्पादों का बहिष्कार हो रहा है। वहां सम्पूर्ण भारत का विरोध हो रहा है। इधर, भारत में मुस्लिम समाज मारकाट पर उतारू है।
मुंशीजी ने कहा- मुस्लिम समाज के अनेक लोगों ने कई बार हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान किया है। हमारे प्रभु राम, कृष्ण, शिव के बारे में अनाप-शनाप बातें कही हैं। मक़बूल फिदा हुसैन ने मां दुर्गा की अश्लील पेंटिंग बनाई थी। अमीर खान ने अपनी फ़िल्म पीके में हमारे देवी-देवताओं के बारे में अभद्र बातें कही थीं। लेकिन, हिंदुओं ने कभी इस तरह हिंसक प्रदर्शन नहीं किया। लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का हक है।
हर कोई हर चीज का कानून के दायरे में रहकर विरोध कर सकता है। हिन्दू हो या मुस्लिम या फिर अन्य कोई धर्म हो। किसी धर्म का अपमान नहीं होना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं है कि वह दूसरे धर्म की निंदा करे। भारत में सभी को धार्मिक आजादी है। हिन्दू-मुस्लिम में कट्टरपंथी तत्व घुस गए हैं। दूसरे राजनीतिक ताकतें हिन्दू-मुस्लिम में रार करवा रही हैं। यह भारत के हित में नहीं है।
अंत में कासिम चचा ने कहा- जो कुछ भी हो रहा है। वह ठीक नहीं हो रहा है। समाज की समरसता को भंग किया जा रहा है। कुछ लोग लगातार मुसलमानों को चिढ़ा रहे हैं। आम मुसलमानों को कभी आतंकवाद के नाम पर सताया जाता है। कभी गौकशी के नाम पर मारा जाता है। हर मस्जिद में शिवलिंग खोजी जा रही है। ताजमहल को भी शिव मंदिर बताया जा रहा है। हर जगह धार्मिक विवाद पैदा किये जा रहे हैं। इस देश में कुछ लोग मुसलमानों की भावनाओं को आहत करने का एजेंडा चला रहे हैं।
इसी बिगड़े हुए माहौल में नूपुर ने हमारे पैगम्बर पर अभद्र टिप्पणी कर दी। यह बयान भारत के ही नहीं, बल्कि समूची दुनिया के मुसलमानों को आहत कर गया। एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी मुस्लिम देशों से दोस्ती कायम कर रहे हैं। दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के ही नेता मुसलमानों को खिझा रहे हैं। यह विरोधाभास ठीक नहीं है। भारत में तकरीबन 30 करोड़ मुसलमान रहता है। इतनी बड़ी आबादी को देश की मुख्यधारा से अलग करके न्यू इंडिया कभी नहीं बन पाएगा। अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर झगड़ा बन्द करना होगा। भारत भूमि हम सबकी है। हम सबको यहां प्यार से रहना चाहिए।
मैंने प्रपंचियों को कोरोना अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 54 करोड़ लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें 63 लाख 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में अब तक चार करोड़ 32 लाख से ज्यादा लोग कोरोना पीड़ित हो चुके हैं। देश में अब तक सवा पांच लाख लोग बेमौत मारे जा चुके हैं।
देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 195 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी हैं। देश के 89.6 करोड़ भारतीय कोरोना के दोनों टीके लगवा चुके हैं। देश में कोरोना की तीसरी बूस्टर डोज निरन्तर लगाई जा रही है। वहीं, बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन दी जा रही है। भारत में व्यापक टीकाकरण की वजह से ही कोरोना महामारी नियंत्रण में है।
इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही के साथ फिर हाजिर रहूँगा।