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जो सरकार अपने कार्यकाल में समय से काॅपी-किताब उपलब्ध नहीं करा पा रही वो अच्छी शिक्षा का गुणगान करके केवल जनता को धोखा दे रही है- सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने शिक्षा क्षेत्र में दिये गये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर आपत्ति दर्ज करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र से अनेको विद्वान और अनकों शिक्षा विद्व निकले हैं, अतः मुख्यमंत्री का यह कहना कि “नकल का व्यवसाय होता था” पूर्णतः यूपी के शिक्षा क्षेत्र को बदनाम करता है। जबकि स्वयं मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य उत्तर प्रदेश से ही शिक्षा प्राप्त किये हैं और अनेको विधायकों के इण्टर कालेज उत्तर प्रदेश में ही चल रहे हैं।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिसको नई शिक्षा व्यवस्था कहा जा रहा है वह भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित बेसिक शिक्षा की ही मूलभावना है, क्योंकि उसमें भी शिक्षा के साथ-साथ स्थानीय कलाओं (रस्सी बटना, मिटटी के बर्तन बनाना, ग्रन्थ शिल्प) आदि को महत्व दिया गया है। आज नई शिक्षा व्यवस्था कह देना महात्मा गांधी की बेसिक शिक्षा का ही परिमार्जित रूप कहा जायेगा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जो सरकार अपने 6 वर्ष के कार्यकाल में समय से छात्रों को काॅपी किताबे आदि न उपलब्ध करा पायी हो, वह सरकार अबकी अच्छी शिक्षा का गुणगान करके केवल जनता को धोखा देना चाहती है। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि जब बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के निदेशक अलग अलग रहते थे तब यही प्रदेश सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में कोई क्रान्तिकारी परिवर्तन नहीं कर सकी है और अब दोनों का निदेशक एक हो जाने से शिक्षा क्षेत्र की व्यवस्था पर स्वतः प्रश्न चिन्ह लग जाता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रदेश की शिक्षा में गुणवत्ता प्रकट करने के लिए गहन चिन्तन के साथ साथ कार्यरत अध्यापकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स के कैम्प आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया जाय। साथ ही साथ पाठ्यसामग्री भी सही समय पर उपलब्ध करायी जाय।

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