- जिले में होंगे 249 सास बेटा बहू सम्मेलन
- सास बेटा बहू सम्मेलन में पढ़ायेंगे परिवार नियोजन का पाठ
- सोमवार से दो जुलाई तक होंगे आयोजन
औरैया।
परिवार नियोजन की जब बात होती है तब महिलाओं को ही उसकी जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। मतलब आज भी अगर किसी भी महिला को बच्चे न हों और बच्चे अधिक हो जाएं सबकी जिम्मेदारी महिला की ही होती है जबकि पति पत्नी दोनो ही बराबर के भागीदार हैं यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ अर्चना श्रीवास्तव का।
सीएमओ ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित हो इसलिए नवविवाहित दंपति को सास बेटा बहू सम्मेलन के द्वारा परिवार नियोजन के प्रति जागरुक किया जायेगा। यह सम्मेलन 20 जून से दो जुलाई के बीच स्वास्थ्य उप केन्द्र स्तर पर समुदाय के बीच आयोजित किये जायेंगे। हर सम्मेलन में औसतन 30 प्रतिभागी ही प्रतिभाग करेंगे।
यूपीटीएसयू से जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य सास-बेटा-बहू के बीच संबंध, समन्वय और संवाद के जरिये परिवार नियोजन को लेकर बेहतर माहौल कायम किया जाना है। इससे वह प्रजनन स्वास्थ्य के प्रति अपनी अवधारणाओं, व्यवहार एवं विश्वास में बदलाव ला सकें। प्रायः देखने में आता है कि परिवार में अधिकतर निर्णय में पुरुष की सहमति सर्वोपरि होती है। इसलिए सास-बहू सम्मेलन के दौरान पुरुष सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए बेटे का प्रतिभाग किया जाना आवश्यक है। सास-बहू सम्मेलन से अभिप्राय सास-बेटा-बहू सम्मेलन से हैl
स्वास्थ्य उपकेन्द्र स्तर पर आयोजित होंगे सम्मेलन
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि सास -बेटा-बहू सम्मेलन का आयोजन स्वास्थ्य उप केन्द्र स्तर पर होगा। प्रत्येक उपकेन्द्र के अंतर्गत 8-10 आशा कार्यकर्ता होती हैं। सम्मेलन दो-तीन आशा कार्यकर्ताओं के कार्य क्षेत्र को मिला कर एक स्थान पर आयोजित होगा। सम्मेलन की तैयारी एएनएम और आशा के संयुक्त प्रयास से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में की जाएगी। सम्मेलन में कम्युनिटी हेल्थ आफिसर द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन में एक वर्ष के भीतर विवाहित दंपति, एक वर्ष के अंदर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिला, ऐसे दंपति जिन्होंने परिवार नियोजन का कोई साधन नहीं अपनाया, ऐसे दंपति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं, ऐसे आदर्श दंपति जिनके विवाह से दो वर्ष बाद बच्चा हुआ हो, ऐसे दंपति जिनके पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के जन्म के बीच कम से कम तीन साल का अंतराल हो और ऐसे दंपति जिन्होंने दो बच्चे के बाद स्थायी साधन अपनाया हो को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा ऐसे दंपति जिन्होंने दूसरों को परिवार नियोजन के लिए प्रेरित किया होगा उन्हें सम्मानित कर पुरस्कृत भी किया जायेगा। साथ ही कहा सीएचसी स्तर पर जिले में आने वाले उपकेंद्र स्तर पर कुल 249 जगह सास बेटा बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर