पहली जुलाई से चलेगा संचारी रोग नियंत्रण विशेष अभियान
अभियान की तैयारियों को लेकर हुई अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक
टीबी रोगी की खोज के साथ कुपोषित बच्चों की भी सूची बनायेंगी आशा
औरैया। अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में एक जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान की अन्तर्विभागीय बैठक हुई। इस मौके पर अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। एडीएम ने कहा कि संचारी रोग व दिमागी बुखार नियंत्रित करने के लिए संपूर्ण सोच के साथ संबंधित विभागों के मध्य उचित समन्वय का होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए 1 जुलाई से 31 जुलाई एवं दस्तक अभियान 15 जुलाई से 30 जुलाई तक संचालित किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि पिछला संचारी रोग नियंत्रण माह 2 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलाया गया था। उसी तर्ज पर 1जुलाई से शूरू होने वाले संचारी रोग नियंत्रण माह की पूरी तैयारी कर ली गई है। अन्य विभागों के बीच आपसी समन्वय स्थापित कर अभियान को सफल बनाने का प्रयास किया जायेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार से संबंधित रोकथाम एवं नियंत्रण गतिविधियों हेतु जनपद, ब्लॉक तथा पंचायत/ग्राम स्तरों पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय हेतु नोडल विभाग का कार्य करेगा। संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार के केसों की निगरानी, लक्षण युक्त व्यक्तियों की कोविड-19 जांच करवाना, क्षय रोगों के लक्षण युक्त व्यक्तियों की जांच एवं उपचार की व्यवस्था, रोगियों के निःशुल्क परिवहन हेतु रोगी वाहन की व्यवस्था, प्रचार-प्रसार ,लार्वारोधी गतिविधियों, मॉनिटरिंग, पर्यवेक्षण, रिपोर्टिंग, अभिलेखीकरण तथा विश्लेषण का कार्य किया जाएगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बताया दस्तक अभियान में सोशल डिस्टेंसिंग, हाथों की धुलाई और मास्क की अनिवार्यता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ,ताकि स्वास्थ्य कार्यकर्ता सावधानी रखते हुए लोगों को मलेरिया, डेंगू एवं कोरोना से बचाव के बारे में बेहतर तरीके से जागरूक कर सकें। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान के दौरान प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ता तथा आंगनबाड़ी द्वारा घर घर जाकर लोगो को संचारी रोगों से बचाव के उपाय , लक्षण एवं निकटतम स्वास्थ्य केंद्र के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। इस दौरान आशा कार्यकर्त्ताओं द्वारा दिमागी बुखार के लक्षणों एवं उपचार के विषय में समुदाय को जागरूक किया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) लाल साहब सिंह ने बताया कि इस चरण में आशा कार्यकर्ता द्वारा बुखार के अतिरिक्त खांसी तथा सांस लेने में दिक्कत या परेशानी की शिकायत वाले रोगियों को भी चिन्हित किया जाएगा तथा उन्हें कोविड जांच हेतु संदर्भित करेंगी। साथ ही इस दौरान टीबी रोगियों की खोज, और कुपोषित बच्चों की सूची भी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा बनाई जाएगी।
यूनिसेफ प्रतिनिधि नरेंद्र शर्मा द्वारा पीपीटी के माध्यम से विभिन्न विभागों की मुख्य गतिविधियों, विगत चरणों का फीडबैक बताया गया व आगामी चरण हेतु विभिन्न विभागों के उत्तरदायित्व व गतिविधियों के विषय में बताया गया।
मिलेगी प्रोत्साहन राशि : डीएमओ ने बताया आशा कार्यकर्ता द्वारा प्रत्येक मलेरिया रोगी की स्लाईड अथवा आर.डी.टी किट से जांच कराने पर 15 रुपए का भुगतान किया जाएगा। यदि व्यक्ति मलेरिया धनात्मक रोगी है तो आरटी पूर्ण करने तथा तीसरे, सातवें एवं चौदह दिन पर रोगी का फ़ॉलोअप पूर्ण करने पर 75 रूपए का भुगतान किया जाएगा। बुखार के रोगी में डेंगू कन्फ़र्म होने पर 200 रूपए का भुगतान तथा जापानी इन्सेफेलाइटिस रोगी के कंफ़र्म होने पर 250 रूपए का भुगतान आशा कार्यकर्ता को किया जाएगा।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर