डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में मांग की गयी कि कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 को समाप्त किया जाये और अलगाववादी शक्तियों पर निर्णायक प्रहार किया जाये। संगोष्ठी में Shailendra Dubey शैलेन्द्र दुबे समेत अन्य वक्ताओं ने अपनी बात रखी व वक्ताओं ने कहा कि डा0 मुखर्जी ने देश की अखंडता के लिए 23 जून 1953 को श्रीनगर में अपना जीवन बलिदान कर दिया था। कश्मीर में आतंकवाद का पूरी तरह सफाया और पाक अधिकृत कश्मीर का भारत में विलय ही डा0 मुखर्जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राज्यपाल शासन एक स्वागतयोग्य कदम : Shailendra Dubey
भारतीय नागरिक परिषद के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता आल इण्डिया पावर इन्जीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि कश्मीर में नागपूजा, शैवदर्शन, वैष्ठोमत, बौद्धमत बिना परस्पर टकराव के पुष्पित पल्लवित हुए। सम्राट ललितादित्य, अवन्ती वर्मन, हर्ष, मेघवाह्न आदि में ही कश्मीरियत को विश्व व्यापी बनाया। लेकिन आज के कश्मीर को पं० नेहरू आदि ने विश्व व्यापी बनाया। आज कश्मीर पं0 नेहरू की गलत नीतियों के कारण सुलग रहा है। आतंकवादियों का लक्ष्य भारत के सभी धार्मिक, ऐतिहासिक व सामाजिक चिन्हों को समाप्त करना है, जिसके पीछे पड़ोसी पाकिस्तान का सीधा हाथ है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। 1996 के बाद कश्मीर घाटी में स्थिति उतनी खराब नहीं थी जितनी आज हो गयी है। घाटी में कोई भी दिन नहीं बीतता जब हत्या न होती हो। पत्रकार शुजान बुखारी तथा औरंगजेब के अपहरण के बाद हत्या ने पूरा परिदृश्य ही बदल दिया। ऐसे वातावरण में राज्यपाल शासन एक स्वागतयोग्य कदम है।
एक विधान, एक प्रधान और एक निशान
उन्होंने कहा- इसके पहले कि काफी देर हो जाये, यह उचित समय है जब चुनावी राजनीति को किनारे रखकर केन्द्र सरकार आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार करे और इसका समूल विनाश कर दे। डा0 मुखर्जी ने एक विधान, एक प्रधान और एक निशान के सिद्धान्त के लिए श्रीनगर में अपना बलिदान दिया। उनके बलिदान से कश्मीर बच गया किन्तु अभी भी काफी कुछ किया जाना शेष है।
370 के चलते बढ़ रहा अलगाववाद
वरिष्ठ अधिवक्ता रमाकान्त दुबे ने कहा कि धारा 370 के चलते अलगाववाद बढ़ रहा है। धारा 370 प्रथम प्रधानमंत्री पंo नेहरू की तुष्टीकरण की नीति व शेख अब्दुल्ला के विषय में गलत नीतियों की उपज है, जिसे यथाशीघ्र समाप्त कर देना चाहिए। धारा 370 के चलते अन्य प्रान्तों के लोग न तो कश्मीर में सम्पत्ति खरीद सकते हैं और न ही वोटर बन सकते हैं, जबकि पाक अधिकृत कश्मीर का व्यक्ति भारत अधिकृत कश्मीर में सारे अधिकार स्वतः पा लेता है। अतः ऐसी धारा जो अलगाववाद का पोषण करती हो उसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।
डा0 मुखर्जी की मृत्यु की हो निष्पक्ष जाँच
भारतीय नागरिक परिषद के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश अग्निहोत्री व महामंत्री आरती प्रसाद सिंह ने डा0 मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मांग की कि डा0 मुखर्जी की 23 जून 1953 में किन परिस्थितियों में श्रीनगर में मृत्यु हुई, इसकी उच्च स्तर निष्पक्ष जांच हेतु आयोग गठित किया जाये और राजनीति से ऊपर उठकर ठोस कश्मीर नीति बनाकर उस पर सख्ती से अमल किया जाये।
कार्यक्रम में समाज के बहुत से प्रबुद्ध लोग उपस्थित हुए जिसमें रीना त्रिपाठी, निशा सिंह ,राजीव सिंह , दिलीप पाठक सुधांशु मिश्र, वाई एन उपाध्याय , शिव प्रकाश दीक्षित मुख्यता उपस्थित थे।