नई दिल्ली। प्रोजेक्ट सशक्त के माध्यमस सरकारी बैंकों का कर्जा वसूला जायेगा। सरकारी बैंकों के गले की फांस बने एनपीए (नॉन परफॉरमिंग एसेट्स यानी फंसे कर्ज) की समस्या को दूर करने के लिए एक समग्र नीति लाने का ऐलान किया गया है। यह समग्र नीति प्रोजेक्ट सशक्त के नाम से लागू होगी जिसे सुनील मेहता की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है।
प्रोजेक्ट सशक्त के तहत
प्रोजेक्ट सशक्त के तहत पांच सूत्री फॉर्मूला लागू किया जाएगा। समिति की रिपोर्ट पर कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की बैंकों के अधिकारियों के साथ सोमवार को हुई बैठक के बाद प्रोजेक्ट सशक्त लागू करने की घोषणा की गई। सरकार का कहना है कि पहली बार देश में एनपीए की समस्या से निपटने के लिए लंबी अवधि की योजना लागू की गई है।
गोयल ने संवाददाता सम्मेलन में यह साफ किया कि समिति ने बैड बैंक (फंसे कर्ज को खरीदने के लिए गठित होने वाली एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी) बनाने की कोई सिफारिश नहीं की है। हालांकि 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के फंसे कर्ज एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के हाथों बेचने का रास्ता साफ हो गया है। इसका फायदा यह होगा कि इन र्ग्राहकों से कर्ज वसूलने का झंझट बैंकों पर नहीं रहेगा।
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