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अघोषित बिजली कटौती व लो वोल्टेज की समस्या से उपभोक्ता परेशान, बढ़ रहा आक्रोश, ग्रामीण फीडरों की हाल बेहाल

बिधूना। बिधूना स्थित 132 केवीए पावर स्टेशन से हो रही रोस्टिंग कि बजह से सोहनी उपकेंद्र से जुड़े 6 फीडरों के ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दिन में 10-11 घंटे तक बिजली गुल रहती है। रुरुकलां फीडर का भी यही हाल है है। बिजली गुल रहने से कई काम काज ठप पड़ जाते हैं तथा लो वोल्टेज की समस्या होने से बिजली होने पर भी विद्युत उपकरणों जैसे पंखा, फ्रिज, कूलर एवं टीवी आदि का उपयोग नही हो पाता। अगर लो वोल्टेज में इसका उपयोग करो तो खराब होने का डर लगा रहता है।

इन दिनों ग्रामीण अंचलों में हो रही अघोषित बिजली कटौती व लो वोल्टेज लोगों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। इसे लेकर लोगों में तेजी से आक्रोश बढ़ रहा है। दिन-रात में बिजली कटौती कई कई बार की जा रही है। रोज तकरीबन 10-11 घंटे बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है। ऐसा ही हाल रुरुकलां फीडर का है जो विधुत उपकेंद्र सोहनी से जुड़ा है। रुरुकलां फीडर से सोहनी, ऐली, बलखंडपुर, पुरवा उजैने, चंदैया, मलिकपुर, पुरवा भदौरिया, उड़ेलापुर, रुरुकलां सहित अन्य गांवों में विद्युत सप्लाई की जाती है। मगर एक पखवाड़े से बिना कोई पूर्व सूचना के कई घंटे के लिए बिजली गुल हो जाती है। इसके अलावा कई बार बिजली की आंख मिचौली बराबर चलती रहती है।

बिजली कटौती व लो वोल्टेज की समस्या से लोग उमस भरी गर्मी में बेहाल हो रहे हैं। उनके पंखे कूलर नही चल पा रहे एवं उमस भरी भीषण गर्मी और मच्छरों की वजह से रात में सही से सो तक नहीं पा रहे है। पिछले एक दो सप्ताह से गांव में बिजली की समस्या काफी बढ़ गयी है। जहां 10 घंटे किसानो को सिंचाई के लिए बिजली मुहैया कराना चहिए था वहां मात्र 6-7 घंटे बिजली मिल पा रही है, जिससे धान की सिंचाई सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है। जो किसान सब्जी की खेती करते हैं उनके लिए बिजली की कटौती बड़ी समस्या बन गयी है।

ट्यूबवेल संचालक लक्ष्मण सिंह राठौर ने बताया कि ऐसे ही चलता रहा तो फसल सूख जाएगी। जिला मुख्यालय एवं तहसील मुख्यालयों पर बिजली की इतनी समस्या नहीं रहती है‌, बल्कि ग्रामीण अंचलों में लगातार बिजली काटी जा रही है। उन्होंने बिजली विभाग से अघोषित कटौती बंद कर शासन के आदेश के अनुसार बिजली मुहैया कराने की मांग की है।

बरूआ निवासी ग्रामीण छोटे सिंह के अनुसार बिजली सप्लाई बिना किसी पूर्व सूचना के ही काट दी जाती है। बिजली से संबंधित कई काम बिजली कटौती के कारण प्रभावित होते है। उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर या जानकारी करने के लिए अगर उपकेन्द्र पर किसी कर्मचारी को फोन करो तो फोन नही उठाते।

विजौड़ा निवासी किसान ज्ञान सिंह शाक्य ने कहा कि उमस भरी भीषण गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। ऐसे में अघोषित रूप से बिजली कटौती हो जाती हैं तो समस्या कई गुना बढ़ जाती हैं। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द विद्युत व्यवस्था में सुधार की मांग की है। अन्यथा विद्युत कार्यालय के सामने जाकर ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा।

एमएससी द्वितीय वर्ष के छात्र शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहा है कि विद्युत विभाग की लापरवाही से विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गयी है। क्योकि विद्युत विभाग रोस्टर के अनुसार बिजली सप्लाई नहीं कर पा रहा है। एक तरफ गर्मी तो दूसरी तरफ बिजली कटौती की वजह से पढ़ायी बाधित हो रही और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना मुश्किल हो रहा है।

छात्र अविरल सेंगर ने कहा कि पहले तो सही से बिजली नही मिल रही जब बिजली मिलती भी है तो लो वोल्टेज की वजह से उसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। लो वोल्टेज की समस्या से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई लिखाई हो रही है साथ ही बिजली उपकरण खराब होने का खतरा है। यहां तक की पानी का मोटर नहीं चल पाने से पेयजल संकट अलग से बढ़ जाता है।

अवर अभियंता अमोद आनंद ने बताया कि बिजली की डिमांड ज्यादा होने के कारण 132 केवीए स्टेशन से इमरजेंसी रोस्टिंग की जाती है, इसका कोई शिड्यूल्ड पहले से तय नहीं होता है। जिसका दिक्कत आ रही है। कई बार ट्रांसफार्मर व पोल मरम्मत, वायरिंग, सर्चिंग व अन्य कार्यों के लिए कुछ समय के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित रहती है। ट्रपिंग की समस्या का समाधान हो गया है, आगे से लाइट ट्रिप नहीं करेगी।

रिपोर्ट – संदीप राठौर चुनमुन

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