आज एक बार फिर आईने के सामने खड़ी राशि का मन अशांत होने लगा। वह अपनी सासू मां रोहणी के साथ सोनोग्राफी के लिए हॉस्पिटल नहीं जाना चाहती थी क्योंकि वह भलीभांति जानती थी कि यदि इस बार भी उसके कोख में लड़की हुई तो पिछले बार कि तरह उसे अपनी अजन्मी बेटी को खोना पड़ेगा। यह सोच कर ही राशि का दिल बैठा जा रहा था।तभी राशि के कानों पर रोहणी की आवाज सुनाई पड़ी-“बहू जल्दी आओ रिक्शा आ गया है।”
इतना सुनते ही राशि का जी धक से हुआ लेकिन कुछ निश्चय कर वह अपने कमरे से बाहर निकली और अपनी सासू मां के संग रिक्शे में बैठ गई, सारे रास्ते रोहणी घर में बेटा होने का महत्व राशि को समझाती रही और राशि मन ही मन अपने कोख में पल रहे बच्चे को ना खोने का अपना प्रण दोहराती रही।
पिछली दफा जब राशि दोबारा मातृत्व सुख पाने वाली थी और उसके सासू मां को पता चला कि इस बार भी राशि के कोख में लड़की है तो राशि के लाख विरोध के बावजूद उसका गर्भपात यह कह कर करा दिया गया कि पहले ही तुम एक बेटी को जन्म दे चुकी हो और अब दूसरे का बोझ इस परिवार को नहीं चाहिए। इस घटना की पुनरावृति ना हो यही सोच राशि मन ही मन अपने होने वाले बच्चे की सलामती की दुआं करती रही।
हॉस्पिटल पहुंच कर जैसे ही दोनों रिक्शे से उतरी अचानक उन्हें एक छोटे बच्चे के रोने की आवाज़ सुनाई पड़ी, दोनों कुछ समझ पाती इससे पहले ही रिक्शा चालक फौरन अपने रिक्शे के पिछे कपड़े से बने झूले पर रो रहे तकरीबन पांच- छः महीने के बच्चे को बोतल से दूध पिलाने लगा। यह देख राशि से रहा नहीं गया और उसने रिक्शा चालक से कहा- “भैया ये सब क्या हैं आप इतने छोटे बच्चे को इस तरह अपने साथ धूप में क्यों घूमा रहे हैं. इसकी मां कहां? आप इसको उसकी मां के पास क्यों नहीं छोड़ देते।”
राशि से यह सब सुन रिक्शा चालक बोला- “बहन जी ये मेरे पड़ोसी की बच्ची है, अब इस दुनियां में इसका कोई नहीं है। कोरोना में इसके माता-पिता चल बसे। मेरी पत्नी को भी कोरोना ने निगल लिया, अब सब मैं और मेरी बेटी ही रह गए हैं। मेरी बेटी स्कूल चली जाती है, घर पर कोई नहीं रहता इसलिए मैं इसे साथ रखता हूं। बड़ी हो जाएगी तो इसे भी स्कूल में डाल दूंगा और इसे भी अपनी बेटी की तरह ही पढ़ाऊंगा-लिखाऊंगा और अपनी दोनों बेटियों को कुछ बनाऊंगा।”
एक गरीब रिक्शा चालक के उच्च विचार सुन रोहणी को अपने तुच्छ मानसिकता पर अफसोस हुआ और रिक्शा चालक को भाड़ा देने के बाद वह राशि से बोली- “बहू डरो मत रेगूलर चेकअप के बाद हम घर चलते हैं। अब बेटा हो या बेटी उसका स्वागत ही होगा।”