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अब आरएसएस के मुकाबले Seva Dal !

लखनऊ। Seva Dal का हो रहा है पुनर्जन्म। कांग्रेस के लिए सेवा दल कहीं न कहीं डूबते को तिनके का सहारा मिलने के जैसा है। क्यूंकि लगातार बीजेपी के बढ़ते कदम ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया। इसका जीता जागता उदाहरण सभी विपक्षी पार्टियों का एक साथ होने से देखने को मिलता है। हालाँकि जिस तरह बीजेपी के लिए आरएसएस ने एक अलग ही पृष्ठभूमि देने का कार्य किया है , उसी तरह कांग्रेस के लिए सेवा दल भी अपने कदम बढ़ा रही है। लेकिन कहीं न कहीं सेवा दल में वो आग देखने को नहीं मिलती हैं जो उनके कट्टर विरोधी आरएसएस के कार्यकर्ताओं में देखने को मिलती है।

Seva Dal – भूत या भविष्य

देखा जाए तो सेवा दल वह बीज है जिससे इंडियन नेशनल कांग्रेस जैसा वृक्ष उपजा है। इस दल के कार्यकर्ताओं की पहचान गाँधी टोपी से की जाती है। वर्तमान में सेवा दल के मुख्य संगठक लालजी देसाई हैं, वहीँ दल का नेतृत्व जगदीश तितलेर कर रहे है।

माना जाता है 1923 में नागपुर में सत्याग्रह के वक़्त कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जब अंग्रेजो ने गिरफ्तार किया तो कुछ कार्यकर्ताओं ने लिखित रूप में माफ़ी मांगी, वही दूसरे कार्यकर्ता जो न. स. हार्डिकर के नेतृत्व से जुड़े थे, माफ़ी मांगने से मना कर दिया जिसके बाद 1923 में काकीनाडा सेशन में सेवा दल का गठन हुआ।

लालजी देसाई के हाथ में है दल का रिमोट

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के नेतृत्व में आज सेवा दल की बैठक हुई, जिसमे राज बब्बर का साफ़ कहना था की सेवा दल कांग्रेस की पहचान है और राज बब्बर ने सेवा दल को पूरी आजादी देते हुए कहा की अब लालजी देसाई जी के हाथ में पूरी तरह दल का रिमोट पकड़ा दिया गया है, जिसमें प्रदेश कांग्रेस उनका पूरा पूरा सहयोग करेगी।

सेवा दल बनाम आरएसएस

जानकारों का कहना है की आरएसएस जैसे ताक़तवर संगठन का सामना करने के लिए कांग्रेस अपना सेवा दल मैदान में उतार कर 2019 की जंग जीतना चाहती है। देखा जाए तो आरएसएस जो बीजेपी की मातृ संगठन माना जाता है जिनका मुख्य विचार धारा, “हिंदुत्व” है, जिस पर वो काम करते हैं। परन्तु इसके विरोध में सेवा दल का कोई स्पस्ट विचारधारा नहीं है।

गौर से देखा जाए तो कहा जा सकता है कि सेवा दल खुद को पूरी तरह आरएसएस की तरह बनाने की जद्दोजहद कर रहा है या ये कह सकते हैं कि वो जनता के बीच अपनी एक अलग छाप छोड़ने का प्रयास कर रहा है।

कांग्रेस सेवा दल के पास नहीं कोई विचारधारा

आरएसएस की हिन्दूवादी विचारधारा के खिलाफ कांग्रेस की सेवा दल को अब जमीन पर उतार दिया गया है। लालजी देसाई ने पुरे उत्साह के साथ 4 नारो में अपने कार्यकर्ताओं को जोश से भर दिया है पर उनके भाषणों में कहीं न कहीं सेवा दल की जगह आरएसएस की तस्वीर बनती नजर आई। उनका कहना था की सेवा दल में लाठी चलाना, मार्शल आर्ट्स आदि सिखाया जायेगा, जबकि कांग्रेस अकसर आरएसएस की लाठी ट्रेनिंग आदि पर सवाल उठाती रही है।

बैठक में प्रमुख रूप से विधायक आराधना मिश्रा ‘मोना’, सेवादल के प्रदेश प्रभारी राष्ट्रीय संगठन मंत्री अमरजीत सिंह, राजनरायन यादव, सुनील श्रीवास्तव, प्रताप नरायन मिश्रा, करूणेश राठौर, राजेश सिंह ‘काली’, अमरेश यादव, प्रभाकर मिश्रा, शर्मानन्द मिश्रा, ब्रजेश वर्मा, तनुज तिवारी, सुशील तिवारी सोनू पंडित, रेनू श्रीवास्तव, कमला सिसौदिया, कनिष्का रफेल, रूबिया सिद्दीकी, नजमा बेगम, शालिनी अग्रवाल सहित प्रदेश एवं जिला/शहर मुख्य संगठक मौजूद रहे।

रवि गोकुल

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