औरैया। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन अभियान के तहत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर रविवार को ब्लॉक स्तर पर कुष्ठ रोग सम्मेलन का आयोजन किया गया। विभागीय अधिकारियों द्वारा गांधी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरू की गई। स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कुष्ठ रोगियों के बीच एमसीआर चप्पल और फल का वितरण किया गया। साथ ही जानकारी तौलिया (गमछा) देकर उन्हें सम्मानित किया गया। मौके पर जानकारी दी गई कि अगर किसी के शरीर में दाग-धब्बा व सुनापन हो तो इसकी अनदेखी नहीं करें।
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित रुप से दवा खाकर कुष्ठ रोग पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके लिए छह माह व एक साल की खुराक दी जाती है। साथ ही कहा कि कुष्ठ रोगी सामान्य व्यक्तियों की तरह सभी के साथ रह सकता है। इसका इलाज पूरी तरह सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है, जिससे कुष्ठ रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोगियों के लिए विशेष प्रकार की चप्पल बनाई गई है। इसे माइक्रो सेलुलर रबड़ (एमसीआर) फुटवियर कहते हैं। साथ ही कहा कि अगर कुष्ठ रोग की पहचान शुरूआती दौर में हो जाती है और इलाज शुरू कर दिया जाता है तो पीड़ितों को विकलांगता से बचाया जा सकता है। इस लिए कुष्ठ का कोई भी लक्षण हो तो इलाज कराने में विलंब नहीं करें।
जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ विशाल अग्निहोत्री ने बताया कि त्वचा पर हल्के रंग के या तांबिया रंग के दाग-धब्बे जो कि सुन्नपन लिए हो, ठंडा-गरम महसूस नहीं होता हो, नसों में दर्द, हाथ-पैर व पलकों की कमजोरी, हाथ व पैरों पर घाव कुष्ठ रोग हो सकता है। उन्होंने बताया की 48 कुष्ठ रोगियों को एमसीआर चप्पल और 15 कुष्ठ रोगियों को तौलिया (गमछा) व फ़ल दिये गये।
इस दौरान एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ सरफराज अंसारी , एनएमएस ज्ञान सिंह , अरविन्द सिंह सेंगर सहित अन्य लोग व स्टाफ उपस्तिथ रहा।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर