लखनऊ। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में बड़ा बदलाव करते हुए प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक, ओबीसी और सामान्य वर्ग के छात्रों को सिर्फ ट्यूशन फीस देने का फैसला किया है। अब तक इन वर्गों को 50 हजार रुपये से ज्यादा सीमा पर फीस की भरपाई की जाती थी। लेकिन इसके चलते बहुत से छात्रों को योजना का फायदा नहीं मिल पाता था। इसलिए योजना में बदलाव कर अब सिर्फ एससी और एसटी को ही पूरी फीस की भरपाई होगी।
अल्पसंख्यक,ओबीसी और सामान्य वर्ग के छात्रों को फीस वापस
जिन विद्यार्थियों के परिवारों की आमदनी 2 लाख रुपये सालाना है, प्रदेश सरकार उन परिवारों के विद्यार्थियों को छात्रवृति के साथ शुल्क देने की सुविधा देती है। अब तक अल्पसंख्यक, ओबीसी और सामान्य वर्ग के लोगों को प्रदेश सरकार पूरी फीस वापस करती थी अगर वो 50 हजार से ज्यादा न हो। लेकिन इसके चलते बहुत से छात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। लिहाजा प्रदेश सरकार ने इस बात को ध्यान में रखते हुए अब सिर्फ शिक्षण शुल्क की भरपाई का फैसला किया है।
ट्यूशन फीस की अधिकतम सीमा तय
इस फैसले में बदलाव के तहत हर ग्रुप के पाठ्यक्रमों के लिए ट्यूशन फीस की भरपाई की अधिकतम सीमा तय कर दी गयी है। ग्रुप डी यानी कि इंटरमीडिएट के समकक्ष कोर्स और आईटीआई (हाईस्कूल के बाद) के लिए 10 हजार रुपये, ग्रुप -3 यानी बीए, बीएससी, बीकॉम और पॉलीटेक्निक के लिए 20 हजार रुपये, ग्रुप-2 यानी एमएससी, एसकॉम और एसए के लिए 30 हजार रुपये और ग्रुप-1 यानी मेडिकल, इंजीनियरिंग और एमबीए के लिए 50 हजार रुपये की तय सीमा रखी गयी है।