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SC/ST ACT: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार करेगी बदलाव

SC/ST ACT पर इस साल सु्प्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया था लेकिन इसके जल्दी ही बदल जाने की आशंका बनी हुई है। प्राप्त जानकरी के मुताबिक़ केंद्र सरकार संशोधन के साथ पुराने कानून को लागू करने के लिए विधेयक ला रही है।

SC/ST ACT: सरकार कानून में लाएगी बदलाव

एससी/एसटी एक्ट (अनुसूचित जाति और अनुसूचित अत्याचार रोकथाम) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की कवायद शुरू हो गर्इ है। अब सरकार संशोधन के साथ पुराने कानून को लागू करने के लिए विधेयक ला रही है। इससे अब एफआर्इआर दर्ज होने के बाद तुरंत आरोपी को अरेस्ट किया जा सकता है। इसके अलावा डीएसपी रैंक के ऑफिसर द्वारा जांच की भी जरूरत नहीं होगी। संशोधित विधेयक 2018 मॉनसून सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।

एससी/एसटी एक्ट पर यह था फैसला

इस संबंध में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि संशोधन के बाद अधिनियम के अनुच्छेद 18 , अब 18ए हो जाएगा। मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आदर्श गोयल और यूयू ललित की बेंच ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था की कई मामलों में निर्दोष नागरिकों को आरोपी बना दिया जाता है। सरकारी कर्मचारी डर से अपने कर्तव्‍य को अंजाम नहीं दे पाते, जाहिर सी बात है एससी /एसटी कानून बनाते समय विधान मंडल की ऐसी नियत नहीं रही होगी।

झूठा लगने पर अग्रिम जमानत दी जा सकेगी

कोर्ट का कहना यह भी है कि न्‍यायिक समीक्षा में प्रथम दृष्‍टया मामला यदि झूठा लगता है तो अग्रिम जमानत दी जा सकती है। इस कानून के उल्‍लंघन करने वाले सरकारी कर्मचारी को उसके अप्‍वाइंटिंग अथॉरिटी और सामान्‍य नागरिक को एसएसपी की मंजूरी के बाद ही गिरफ्तार किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि इस फैसले से एससी/एसटी एक्‍ट की धारा 18 को कमजोर नहीं किया गया है। कोर्ट को यदि ऐसा लगता है कि मामला सही है और आरोपी की गिरफ्तारी जरूरी है तो कानून अपना काम करेगा।

एससी/एसटी एक्‍ट होगा कमजोर या मजबूत ?

दलित संगठन इस फैसले से एससी/एसटी एक्‍ट के कमजोर होने की बात कह रहे हैं। दलित संठगठनों फैसले को लेकर काफी विरोध भी किया था। 2 अप्रैल को इस फैसले के खिलाफ भारत बंद भी किया था। इतना ही नहीं उन्होंने इस सिलसिले में 9 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया था। एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए विपक्षी दल सरकार को घेरे थे। एेसे में अब केंद्र सरकार ने संशोधन के साथ पुराने कानून को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है

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