Breaking News

सीएचसी में डॉ. आंबेडकर की 67वीं पुण्यतिथि मनायी गयी, डॉ. आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दी गयी श्रद्धांजलि

बिधूना। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिधूना में भारतीय संविधान के निर्माता, समाज सुधारक डॉ. भीमराव आंबेडकर की 67वीं पुण्यतिथि मनायी गयी। इस अवसर पर सीएचसी अधीक्षक समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. सिद्धार्थ बर्मा ने कहा बाबा साहेब आंबेडकर ने छह दिसंबर 1956 को अंतिम सांस ली थी। जिस कारण आज के दिन को ‘परिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आंबेडकर दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे। वे दलित समुदाय के लिए एक अलग राजनैतिक पहचान की वकालत करते रहे।

06 दिसम्बर, पुण्यतिथि विशेष: यदि आज आंबेडकर होते तो उनका नजरिया क्या होता?

देश में डॉ. आंबेडकर की याद में कई कार्यक्रम किए जाते हैं। डॉ. आंबेडकर ने सामाजिक छुआ-छूत और जातिवाद के खात्‍मे के लिए काफी आंदोलन किए। उन्‍होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, दलितों और समाज के पिछड़े वर्गों के उत्‍थान के लिए न्यौछावर कर दिया।

उन्होंने बताया कि डॉ. #आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के छोटे से गांव महू में हुआ था। उनका परिवार मराठी था और मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्‍नागिरी जिले के आंबडवे गांव से था‌।

आधुनिक भारत के निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर

उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमा बाई था। बाबा साहब का जन्म महार जाति में हुआ था। आंबेडकर डायबिटीज के मरीज थे। 6 दिसंबर 1956 को उनका दिल्‍ली में निधन हो गया था।

इस मौके पर डॉ. पूजा वर्मा, डॉ. कृपाराम, डॉ. मनीष त्रिपाठी, डॉ. आर जी मिश्रा, डॉ. संकल्प दुबे, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह, डॉ. सतेन्द्र यादव, चीफ फार्मासिस्ट अवधेश सिंह सेंगर, नर्स मेंटर पदम सिंह, एलटी अंकिता त्रिपाठी, जितेन्द्र शर्मा, राज कुमार, सचिन कुमार, विवेक कुमार, योगेन्द्र सिंह, अमित कुमार, राम किशोर, शिवम, अटल, अनुपम अवस्थी व सतीश चन्द्र आदि स्वास्थ्य कर्मीयों ने डॉ. आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

रिपोर्ट – राहुल तिवारी/संदीप राठौर चुनमुन

About Samar Saleel

Check Also

मस्जिद के अंदर सर्वे.. बाहर जुटने लगी थी भीड़, चंद पलों में चारों तरफ से बरसे पत्थर

संभल जिले में जामा मस्जिद के दोबारा सर्वे के दौरान रविवार को बड़ा बवाल खड़ा ...