मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मांडवी गांव में बीते 4 दिन यानि 84 घंटे लगातार रेस्क्यू के बाद आखिरकार मासूम तन्मय जिंदगी की जंग हार गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तन्मय के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
400 फीट गहरे बोरवेल में करीब 39 फीट पर फंसे मासूम को 44 फीट पैरलल खुदाई के बाद 10 फीट की सुरंग बनाकर शनिवार सुबह करीब 6 बजे निकाला गया और एंबुलेंस से बैतूल जिला अस्पताल भेजा गया। कुछ देर बाद डॉक्टरों की टीम ने तन्मय को मृत घोषित कर दिया।
दरअसल, मध्यप्रदेश के बैतूल जिले आठनेर के मांडवी गांव में मंगलवार शाम करीब 5 बजे 8 साल का मासूम तन्मय खेल खेल में पड़ोसी के खेत में बने 400 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया था। बोरवेल का ढक्कन खुला था। तन्मय बोरवेल में गिरकर 39 फीट पर फंस गया था। खेत में पूजा करने आए तन्मय के मातापिता ने काफी देर तन्मय को नहीं देखा तो ढूंढना शुरू किया।
इस बीच तन्मय की बहन ने बताया वो खेल रहा था तो बोरवेल में गिर गया। आवाज लगाने पर बोरवेल के भीतर से तन्मय की आवाज आई। इस पर परिवार वालों ने फौरन बैतूल और आठनेर पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीम करीब शाम 7 बजे मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू में जुट गई। तब तक गांव वालों ही तन्मय को निकलने की कोशिश करते रहे।
मंगलवार रात तक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर गई थी। सीएम शिवराज ने भी मंगलवार रात इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर रेस्क्यू के हालात की जानकारी ली। बुधवार और गुरुवार को बोरवेल के पैरलल में करीब 44 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया। हालांकि बुधवार से ही बच्चे में किसी तरह का मूवमेंट आना बंद हो गया।
शुक्रवार को पैरलल गड्डे से करीब 10 फीट की सुरंग बनाने का मैनुअल काम शुरू किया गया। शनिवार सुबह करीब 6 बजे तन्मय के शव को बोरवेल से निकला गया।
दरअसल, 44 फीट खुदाई के बाद 10 फीट मेनुअल सुरंग बनाने में 84 घंटे लगे। इस देरी की वजह चट्टानों और पानी के रिसाव का होना बताया गया। सरकार के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार शुक्रवार रात मौके पर पहुंचे तो खुद मंत्री परमार ने माना कि रेस्क्यू की प्लानिंग में देरी हुई, जबकि इतना विलंब नहीं होना चाहिए, इतना समय नहीं लगता, वजह चाहे चट्टाने हो या फिर जो भी लेकिन इतना विलंब नहीं होना चाहिए, जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।