लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों को जागरूक करती हैं.उन्होने कहा कि हमारा देश ‘सर्वे भवन्तु सुखनः, सर्वे सन्तु निरामया’ अर्थात विश्व कल्याण की भावना में विश्वास रखता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी भावना को ध्यान में रखते हुये सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से अन्त्योदय के उद्देश्य को साकार करने और समाज के अन्तिम छोर पर बैठे उस व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिले, यह सुनिश्चित करने के लिये अनेक प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं।
आनंदीबेन पटेल राजभवन से वाराणसी स्थित रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय कम्युनिटी हेल्थ आफिसर्स कान्फ्रेंस में आनलाइन शामिल हुई।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एबी-एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं देने की दिशा में प्रगति कर रहा है। अब तक भारत सरकार द्वारा 1,50,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र स्थापित करने के लक्ष्य के सापेक्ष 1,33,000 केन्द्र क्रियाशील हैं।
भारत मे दिसंबर का अंतिम हफ्ता: क्रिसमस की खुशी या गुरु गोविंद सिंह के बलिदान पर शोक?
ई-संजीवनी के माध्यम से उपचार की व्यवस्थ के माध्यम से किसी भी गरीब एवं दूरस्थ क्षेत्रों में आवासित लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सलाह प्राप्त हो सकती है. उनकी स्क्रीनिंग के पश्चात पहले से ही किसी भी असाध्य रोग की जानकारी रोगी को मिलने से मरीज का जीवन बच सकता है। उन्होंने कहा कि
प्रधानमंत्री के 2025 तक भारत को टी0बी0 मुक्त करने के लक्ष्य की पूर्ति हेतु हम सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा।
राजभवन में तीन से पांच वर्ष की आयु के जो बच्चे आंगनबाड़ी में आते हैं। उन्हें पौष्टिक भोजन युक्त एक किट प्रदान की जाती है, जिससे उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के लगभग तीन हजार केन्द्रों को अब तक जनभागीदारी की मदद से आच्छादित किया जा चुका है।