लखनऊ। माता गुजरी सत्संग सभा की ओर से सरबंसदानी साहिब श्री गुरू गोबिन्द सिंह महाराज के चारो साहिबजादों एवं उनकी माता, माता गुजर कौर के शहीदी दिवस पर ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री गुरू नानक देव नाका हिन्डोला लखनऊ में आज दीवान सजा। इस अवसर पर श्री रहिरास साहिब के पाठ से दीवान का आरम्भ हुआ तत्पश्चात हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने शबद कीर्तन एवं समूह संगत को नाम सिमरन करवाया।
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केके एनएस गुरमति संगीत एकेडमी के बच्चों ने ”सूरा सो पहचानियै लरै दीन के हेत। पुरजा-पुरजा कट मरे कबहु न छाडै़ खेत।” शबद कीर्तन गायन किया। रागी जत्था भाई लाखन सिंह जी गुरूद्वारा मानसरोवर वालों ने ”पहिला मरणु कबूलि जीवन को छड़ि आस। होहु समना की रेणुका तउ आउ हमारे पासि।” शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। ज्ञानी सुच्चा सिंह जी पटियाला वालों ने चार साहिबजादों एवं माता गुजरी जी के शहीदी पर गुरमति विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन स0 सतपाल सिंह मीत ने किया।
बताते चलें कि शहीदी दिवस का मुख्य कार्यक्रम 22 दिसंबर को होगा जिसमें पंथ के प्रसिद्ध रागी भाई चमनजीत सिंह लाल दिल्ली से विशेष रूप से अपने जत्थे के साथ आ रहे हैं। समागम में संगतों के लिए लंगर की तैयारियां आज से ही प्रारंभ हो गई और स्त्री सत्संग सभा की महिलाओं ने सब्जी काटने और रोटी बनाने की सेवा आज से ही आरंभ कर दी गई है कल के मुख्य कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।
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दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने चारो साहिब जादों एवं माता गुजर कौर की शहादत को एक बड़ी शहादत कहा और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। अरदास के उपरान्त गुरू का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी।