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SSY के बदल गए नियम तीन लड़कियों में अब ….

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में से एक है। यह योजना न केवल जोखिम-मुक्त रिटर्न प्रदान करती है बल्कि बेटियों की शादी जैसे बड़े लक्ष्यों के लिए एक योजना बनाने में भी मदद करती है।

सुकन्या समृद्धि खाता 10 वर्ष से कम आयु की बालिका के प्राकृतिक या कानूनी अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। हालांकि, एक व्यक्ति एक बच्ची के नाम पर केवल एक ही खाता खोल सकता है। इस योजना में प्रति परिवार केवल दो बालिकाओं को शामिल किया गया है, इस प्रकार, दोनों बालिकाओं के लिए एक-एक खाता खोला जा सकता है।

हालांकि, माता-पिता या अभिभावक जिनके तीन बालिकाएं हैं, वे तीसरा खाता भी खोल सकते हैं बशर्ते वे सरकार द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करते हों। सरकार ने कहा है कि सुकन्या समृद्धि खाता तीसरी बच्ची के लिए खोला जा सकता है, अगर पहली डिलीवरी के दौरान एक लड़की पैदा हो जाती है और फिर दूसरी डिलीवरी के दौरान जुड़वां लड़कियां हो जाती हैं तो इस योजना का लाभ उन्हें भी मिल सकेगा।

इसलिए, यदि किसी व्यक्ति की तीन बालिकाएं हैं और उनमें से दो जुड़वां हैं, तो तीनों को सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के तहत कवर किया जाएगा।

SSY योजना 7.6 प्रतिशत की आकर्षक ब्याज दर प्रदान करती है। योजना से अर्जित ब्याज आय आयकर अधिनियम 1961 की धारा -10 के तहत कर से पूरी तरह मुक्त है। साथ ही, योजना में किया गया निवेश अधिनियम की धारा 80-सी के तहत कटौती के लिए योग्य है।

वहीं, जब न्यूनतम निवेश राशि की बात आती है, तो कोई भी 15 साल की अवधि के लिए खाते में प्रति वर्ष 250 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये तक निवेश कर सकता है। यह डिपॉजिट 21 साल में मैच्योर होगा।

साथ ही अगर किसी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा नहीं किया जाता है तो 50 रुपये का जुर्माना देकर खाते को फिर से चालू किया जा सकता है।

खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष पूरे होने पर खाता परिपक्वता प्राप्त करेगा। हालांकि, बालिका के विवाह की तिथि के बाद खाते के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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