इस समय ठंड जानलेवा हो रही है। चूंकि ठंड में अचानक ब्लडप्रेशर बढ़ने से नसों में खून के गट्ठे जम जाते हैं। इसलिए हार्टअटैक और ब्रेनअटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ठंड हार्ट और ब्रेन पर भारी पड़ जाती है। इसलिए शीतलहर से बचना जरूरी है। अगर बाहर निकलते हैं तो सिर और नाक ढ़क कर निकलें। अगर उम्र 60 से ज्यादा है तो इस तेज ठंड मे घर से बाहर न ही निकलें तो ठीक रहेगा।
ठंड में हार्टअटैक से कैसे बचें ?
- ठंडी में नसें सिकुड़ जाती हैं। अनेक लोगों की नसों में कोलेस्ट्राल पहले से ही ब्लाक होता है। ठंड में जब नसें अधिक सिकुड़ जाती हैं तो इसे रोकने की क्षमता 40 प्रतिशत से बढ़ कर 80 प्रतिशत हो जाती है। हार्टअटैक और ब्लडप्रेशर बढ़ने का यही कारण है।
- हार्टअटैक कोरीनरी धमनी में खून का गट्ठा जम जाने के कारण आता है। ठंडी में शरीर में फाइब्रिनोजेन का स्तर 23 प्रतिशत बढ़ता है। इसके अलावा प्लेटलेट काउंट भी बढ़ जाता है। इससे खून जम जाने से अटैक आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
- संभव हो तो ठंडी में सूरज उगने के पहले बाहर जाने से टालें। अगर जाएं भी तो सिर के हिस्से को ढ़क कर रखना जरूरी है।
- विटामिन डी की कमी उन कारणों में एक है, जो हार्टअटैक का कारण बन सकती हैं। ठंड के सीजन में विटामिन डी लेना चाहिए। अगर धूप से विटामिन डी नहीं ले पा रहे हैं तो उसकी जगह सप्लीमेंट लें।
- ऊनी कपड़े पहनें, क्योंकि इससे ठंडी कम लगेगी। बिना मतलब बाहर न जाएं। कोहरे में तो बिलकुल बाहर न निकलें।
- घर में ही छोटी-बड़ी कसरत करें और ब्लडप्रेशर को कंट्रोल में रखें।
- अगर बीपी या हाइपरटेंशन की दवा ले रहे हैं तो समय पर लें।
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