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एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाएं- जिलाधिकारी

• डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक

• जिले में 10 फरवरी से चलेगा कृमि मुक्ति अभियान

• करीब 16 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि से बचाव की दवा

वाराणसी। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए सोमवार को जिलाधिकारी एस राजलिंगम की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग सहित शिक्षा, आईसीडीएस विभाग आदि को निर्देशित किया कि 10 फरवरी से 15 फरवरी तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान के तहत 01 से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं एवं किशोरों को कृमि संक्रमण से बचाव की दवा खिलाई जाए। इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित आईसीडीएस, शिक्षा, पंचायती राज विभाग को आपस में समन्वय बनाकर काम करना होगा।

उन्होने जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला वेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि शासकीय, निजी व सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक (नोडल शिक्षक) के साथ बैठक कर इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुये निर्धारित तिथियों पर सभी बच्चों की उपस्थिती सुनिश्चित की जाए। समस्त विभागों को निर्देशित किया कि माइक्रोप्लान का पुनः परीक्षण कर शत-प्रतिशत बच्चों को सूचीबद्ध कर लिया जाए।

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उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि एक से 19 वर्ष तक आयु के लक्षित करीब 16 लाख बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डिवार्मिंग डे) अभियान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में 10 फरवरी को चिन्हित स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 13 से 15 जुलाई तक मॉप अप राउंड स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित होंगे। अभियान के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, डिप्टी सीएमओ व नगरीय नोडल, समस्त ब्लॉक पीएचसी-सीएचसी के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, डीएचईआईओ, डीसीपीएम, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

क्या हैं कृमि- जिन बच्चों के पेट में कीड़े (कृमि) होते हैं, वह कुपोषण के शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है। संक्रमण रोकने के लिए बच्चों के नाखून साफ व कटे रहने चाहिए। इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है। इससे बचने के लिए बच्चों के खानपान और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यह दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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