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बांग्लादेश : मजबूत संबंधों का पुराना इतिहास

बांग्लादेश की ये यात्रा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ की नीति को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है। बांग्लादेश भारत का विकास साझेदार है और इस क्षेत्र में सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।

भारत ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के अन्‍तर्गत अपने पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण और आपसी हित के संबंध विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी नीति के तहत विदेश सचिव विनय क्वात्रा बांग्लादेश से पहले 13 और 14 फरवरी को नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर थे।

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भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमन के निमंत्रण पर 15 और 16 फरवरी को बांग्लादेश की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार विदेश सचिव की आगामी यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी और विविध क्षेत्रों में चल रहे सहयोग को गति प्रदान करेगी।

दोनों विदेश सचिव राजनीतिक व सुरक्षा, जल, व्यापार व निवेश, बिजली व ऊर्जा, रक्षा, कनेक्टिविटी और उप-क्षेत्रीय सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे।

मजबूत संबंधों का पुराना इतिहास

बांग्लादेश भारतीय राज्यों असम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के साथ सीमा साझा करता है। दोनों देशों के बीच एक समुद्री सीमा भी है। बांग्लादेश कई कनेक्शन परियोजनाओं पर काम भी कर रहा है।

भारत बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाला पहला राष्ट्र रहा है और दिसंबर 1971 में इसकी स्वतंत्रता के तुरंत बाद राजनयिक संबंध स्थापित किए गए थे।

साथ ही साल 2015 में ‘भूमि सीमा’ समझौते पर हस्ताक्षर, जिसने सीमा विवाद को सुलझाया, दोस्ती को और भी मजबूत किया। भारत और बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय व्यापार में सुलह और प्रगति दिखाने के लिए भारत ने बांग्लादेश को COVID-19 वैक्सीन और अन्य चिकित्सा उपकरण भेजे थे।

रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

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