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विद्यार्थियों पर रासुका लगाये जाने के निर्णय पर रालोद ने जताया विरोध, कहा-रासुका का प्रयोग अपराधियों पर होना चाहिए न कि देश के भावी भविष्य पर

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री द्वारा विद्यार्थियों पर रासुका लगाये जाने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रासुका का प्रयोग खूंखार अपराधियों पर होना चाहिए न कि देश के भावी नागरिकों पर।

उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश सरकार विद्यार्थियों पर तरह तरह के प्रयोग करती चली आ रही है और सरकारों के मुखिया उनके द्वारा किये गये प्रयोगों के दुष्परिणाम सोचने की आवश्यकता नहीं समझते।

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श्री त्रिवेदी ने कहा कि हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं यूपी बोर्ड से परीक्षा उत्तीर्ण की है और यूपी बोर्ड में नकल में पकडे जाने पर विद्यार्थियों की काॅपी अलग से सील बंद होकर बोर्ड को भेज दी जाती थी और जांच सम्बन्धी कमेटी के सामने विद्यार्थी को उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना होता था।

कमेटी अपना निर्णय देती थी और अधिकांशतः नकल में पकड़े गए विद्यार्थियों की उस वर्ष की परीक्षा रदद कर दी जाती थी, जिससे विद्यार्थियों को पुनः उसी कक्षा में प्रवेश लेना पड़ता था और उस पर कोई चारित्रिक दाग भी नहीं आता था।

विद्यार्थियों पर रासुका

रासुका लगाये जाने पर सम्बन्धित विद्यार्थी की चरित्र पंजिका दूषित हो जायेगी। ठीक इसी प्रकार जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे और तब नकल विरोधी अध्यादेश लागू हुआ था, जिसमें हजारों छात्राओं को भी पुलिस के सिपाही हाथ पकड़कर घसीटते हुये थाने ले जाते थे। जिसका समाज पर बुरा असर देखने को मिला था।

रालोद मीडिया प्रभारी ने कहा कि प्रदेश सरकार को ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए जिससे छात्र छात्राओं का भविष्य खराब हो और सामाजिक ताना बाना भी तहस नहस हो जाय। जो भी विद्यार्थी नकल करते हुये पकड़े जाएं उनकी परीक्षा उसी दिन से रोक दी जाए न कि रासुका लगाया जाय। सम्बन्धित विद्यार्थियों के लिए यही सजा पर्याप्त होगी।

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क्योंकि यही विद्यार्थी भावी नागरिक और देश का भविष्य इन्हीं के हाथों में है अतः इनके सम्बन्ध में निर्णय लेते समय उत्तरदायी लोगो को देश हित में निर्णय लेने की आवश्यकता है।

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