दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने देशभक्ति पाठ्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर कोर-डेवलपमेंट कमेटी की साथ बैठक की। इसमें पाठ्यक्रम की अब तक की सफलता और भविष्य को लेकर योजनाओं पर चर्चा हुई।
इसके साथ ही स्वयं कुछ गलत करें तो मन में यह भाव आए कि उसने राष्ट्र का नागरिक होने के नाते कुछ गलत किया है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम की मदद से बच्चों में बदलाव आना शुरू हो गया गया है।
समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि नर्सरी से 12वीं तक के 18 लाख से ज्यादा बच्चे देशभक्ति करिकुलम पढ़ रहे हैं। अब कोर कमेटी पाठ्यक्रम के ठोस क्रियान्वयन के लिए प्रभावी तरीके से काम करेगी। इसके लिए क्षमता विस्तार पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा।
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बैठक में तय किया गया कि कोर टीम और मास्टर ट्रेनर्स की क्षमता का विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही कक्षा छह से 12वीं तक के लिए कक्षावार एक नया शिक्षक मैनुअल बनाया जाएगा, जिसके आधार पर पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
पाठ्यक्रम के सही से क्रियान्वयन करने और उसके लागू होने के बाद पड़ने वाले प्रभाव पर अध्ययन को ध्यान में रखकर डाटा संग्रह के साथ एक निगरानी सिस्टम भी बनाया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपने छात्रों में देशभक्ति की भावना को जागृत करने की दिशा में पाठ्यक्रम को अधिक व्यापक बनाने की दिशा में सदैव तत्पर है। इसके लिए अगले कुछ समय में 10 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का भी फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को भारतीय होने पर गर्व हो और हर बच्चे में यह सोच विकसित हो कि वो अपने आसपास कुछ भी गलत होता है तो उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।