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वर्ल्ड लीवर डे : महिलाओं में भी बढ़ रही फैटी लीवर की समस्या

• उपचार न होने पर लीवर फेल्योर, सिरोसिस का भी रहता है खतरा

वाराणसी। पेट के उपरी हिस्से या बीच में दर्द, भूख न लगना, थकान होना और वजन घटना यदि इन समस्याओं से आप परेशान हैं तो किसी चिकित्सक से अपनी जांच अवश्य कराएं। यह परेशानियां फैटी लीवर से पीड़ित होने की ओर आप को इशारा करती है। समय से उपचार न कराने पर आप लीवर फेल्योर, सिरोसिस और कैंसर जैसी बीमारियों से भी ग्रस्त हो सकते हैं। यह कहना है शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, शिवपुर के फिजिशियन डा एस मिश्र (Dr. S. Mishra) का। वह बताते है कि लोगों को लीवर की बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए हर वर्ष 19 अप्रैल को वर्ल्ड लीवर डे (World Liver Day) मनाया जाता है।

वर्ल्ड लीवर डे

इस बार वर्ल्ड लिवर डे की थीम है “सतर्क रहें, नियमित लिवर चेक-अप करें, फैटी लिवर किसी को भी प्रभावित कर सकता है।” (बी विजीलेंट, डू रेगूलर चेक अप, फैटी लीवर कैन अफेक्ट एनीवन) रखी गई है।

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डॉ मिश्र कहते है कि लीवर की बीमारियों में मुख्य समस्या है फैटी लीवर की। वह बताते हैं कि उनकी हर रोज होने वाली सौ-डेढ़ सौ की ओपीडी में प्रतिदिन चार से छह मरीज फैटी लीवर की समस्या से पीड़ित होकर आते हैं। इनमें महिलाओं की संख्या अधिक होती है। वजह यह है कि वह अपने खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं देती हैं।

इतना ही नहीं किशोर और युवा भी इस रोग से पीड़ित हो रहे है क्योंकि वह अनियमित दिनचर्या व जंक फूड के आदि होते हैं। डॉ. मिश्र बताते हैं कि यह बीमारी लीवर में बहुत ज्यादा फैट जमा होने के कारण ही होती है।

वर्ल्ड लीवर डे

लीवर हमारे शरीर का एक जरूरी हिस्सा है, जो शरीर में केमिकल्स को बैलेंस करता है। खाना पचाने के लिए लीवर कई तरह के एंजाइम भी रिलीज करता है। लीवर में ही पित्त रस बनता है जो कि लीवर में मौजूद हानिकारक पदार्थों को बहार निकालने में मदद करता है। साथ ही शरीर के लिए प्रोटीन का निर्माण, आयरन जमा करना और पोषक तत्वों को एनर्जी में बदलने का काम करता है। जब हम फास्ट-फूड, तला हुआ भोजन अधिक करते हैं तो वह लीवर पर अटैक करता है।

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उसे सही से काम करने से रोकने लगता है। आगे चलकर यही फैटी लीवर का कारण बन जाता है। लीवर की कोशिकाओं में अनावश्यक वसा का जमना ही फैटी लीवर होता है। इससे लीवर को स्थायी नुकसान हो सकता है। मुख्य रूप से यह दो प्रकार का होता है। पहला नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर और दूसरा अल्कोहलिक फैटी लीवर।

वर्ल्ड लीवर डे
फैटी लीवर के लक्षण- थकान होना, वजन घटना, भूख न लगना, पेट के उपरी हिस्से या बीच में दर्द होना इसके लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा नॉन अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस यानी नैश और सिरोसिस होने पर हथेलियों का लाल होना, पेट में सूजन, त्वचा की सतह के नीचे बढ़ी हुए रक्त वाहिकाएं और त्वचा व आंखों का पीला होना आदि लक्षण दिख सकता है।

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फैटी लीवर के उपाय- अगर आप अधिक वजन वाले हैं तो फैटी लीवर से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपना वजन नियंत्रित करें। इसके लिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम जरूरी है। साथ ही आहार में वसा का सेवन कम करें। चावल, आलू, ब्रेड जैसे कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार से परहेज करें। खाने में ज्यादातर ताजा फल, सब्जियां लें। अल्कोहल का सेवन बंद करना चाहिए, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखना चाहिए, ब्लडसुगर को भी नियंत्रित रखें। समय-समय पर चिकित्सक से जांच कराते रहें ताकि किसी बड़ी समस्या का समना न करना पड़े।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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