दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्हें अहमदाबाद की एडिशनल मेट्रोपोलिटन अदालत से झटका लगा है। अब उनके खिलाफ 21 साल पुराने एक आपराधिक मामले में मुकदमा चलेगा।
वीके सक्सेना (VK Saxena) अहमदाबाद के साबरमती गांधी आश्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर (Medha Patkar) एवं अन्य पर हमला करने के मामले में आरोपी हैं।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पीसी गोस्वामी की अदालत ने अप्रैल 2002 के मामले में वीके सक्सेना के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। आरोप है कि सक्सेना एवं तीन अन्य आरोपियों ने गांधी आश्रम में आयोजित शांति बैठक के दौरान मेधा पाटकर पर कथित रूप से हमला किया। अन्य आरोपियों में गुजरात भाजपा के दो विधायक एवं कांग्रेस के एक नेता शामिल हैं।
मेधा पाटकर के वकील जीएम परमार ने कहा कि तीन आरोपियों- एलिसब्रिज के विधायक अमित शाह, वेजलपुर के विधायक अमित ठाकर (दोनों भाजपा) और कांग्रेस नेता रोहित पटेल की जिरह पूरी हो गई। जब सक्सेना की बारी आई, तो उनके वकील ने एक अर्जी दायर कर उनके खिलाफ मुकदमे को स्थगित करने का अनुरोध किया। राज्य सरकार ने उस अर्जी का विरोध नहीं किया, इसलिए हमने शिकायतकर्ता की ओर से जवाब दायर किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदाबाद की एक अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर कथित हमले के 21 साल पुराने मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की उस अर्जी को खारिज कर दिया है जिसमें उनके खिलाफ आपराधिक केस को उनके संवैधानिक पद पर रहने तक स्थगित रखने की गुहार लगाई गई थी। मेधा पाटकर के वकील ने मंगलवार को यह जानकारी दी।