• खेलो इंडिया गेम्स के भव्य आयोजन की तैयारी में योगी सरकार
• वर्ल्ड क्लास ब्रांडिंग से खेलों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास
• चारों मेजबान शहरों के हवाई अड्डों, बस व रेलवे स्टेशनों सहित स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और मुख्य पार्कों में होगी ब्रांडिंग
• यूपी की संस्कृति से लेकर बुनियादी ढांचे और पर्यटन तक हर क्षेत्र में विकास को किया जाएगा उजागर
लखनऊ। पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) की मेजबानी कर रही योगी सरकार आईपीएल की तर्ज पर इन गेम्स की ब्रांडिंग करने जा रही है। 25 मई से 3 जून तक यूपी के चार शहरों में होने वाले इन गेम्स की वर्ल्ड क्लास ब्रांडिंग के माध्यम से योगी सरकार न सिर्फ बड़े पैमाने पर यूपी में खेलों के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करेगी, बल्कि इसके सफल आयोजन से सरकार को भविष्य में और बड़े खेलों की मेजबानी हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
दिखेगी नए यूपी की झलक
ब्रांडिंग के माध्यम से नए भारत के नए यूपी को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें यूपी की संस्कृति से लेकर बुनियादी ढांचे में आए सुधार के साथ ही पर्यटन तक हर क्षेत्र में इसके विकास को उजागर किया जाएगा। मेजबान शहर वाराणसी, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर और गोरखपुर हवाई अड्डों, बस स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों सहित स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और मुख्य पार्कों में केआईयूजी की ब्रांडिंग होगी।
मॉल्स और स्टेट यूनिवर्सिटी में लगेंगी होर्डिंग्स
अपर मुख्य सचिव, खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल ने शुक्रवार को बीबीडी बैडमिंटन अकादमी में स्थापित कंट्रोल रूम में एक बैठक कर खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (Khelo India university Games) की ब्रांडिंग के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की ब्रांडिंग लुलु सहित चारों जिलों के प्रमुख मॉल और लखनऊ के फोनिक्स मॉल में की जाए।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (Khelo India university Games) से संबंधित होर्डिंग्स सभी राज्य विश्वविद्यालयों के प्रवेश द्वार पर लगाई जाएं। इसके अलावा, खेलों को 360 डिग्री मीडिया और मार्केटिंग रणनीति के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा, जिसमें सोशल मीडिया, डिजिटल और प्रिंट मीडिया, रेडियो चैनल शामिल हैं।
सार्वजनिक स्थलों पर बनेंगे सेल्फी पॉइंट्स
इसके अलावा, गेम्स के शुभंकर जीतू व खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (Khelo India university Games)के लोगो का लेआउट स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और मॉल में लगाया जाएगा। इसके साथ ही प्रमुख स्थानों पर पॉप-अप डिस्प्ले की सुविधा भी होगी और राज्य के उन प्रमुख स्थानों पर जहां लोगों का आवागमन अधिक होता है, सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे।