साइलेंट किलर नाम से मशहूर हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन और उच्च रक्तचाप के नाम से भी जाना जाता है। यह एक गंभीर रोग है जो व्यक्ति के हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे के साथ अन्य अंगो को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
बता दें, हाई ब्लड प्रेशर ज्यादा स्ट्रेस लेने, फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा या कम करने से, खान-पान की खराब आदतों की वजह से अचानक बढ़ सकता है। जिसे कंट्रोल करने के लिए नींबू के इन 3 तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बता दें, नींबू एक सिट्रस फ्रूट है, जिसका सेवन करने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन ठीक होता है। इतना ही नहीं, इसमें मौजूद विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं जिससे हाइपरटेंशन की समस्या दूर होती है।
हाई बीपी को कंट्रोल करने के उपाय-
नींबू का शरबत-
बीपी कंट्रोल करने के लिए नींबू का शरबत बनाकर पिएं। इसके लिए एक गिलास ठंडे पानी में सेंधा नमक और एक बड़ा चम्मच नींबू का रस डालें। आपका नींबू का शरबत बनकर तैयार है। नींबू का शरबत पीने से हाई बीपी को कंट्रोल किया जा सकता है।
नींबू और दालचीनी-
दालचीनी और नींबू का सेवन करने से भी बीपी कंट्रोल करने में मदद मिलती है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जिससे बीपी कंट्रोल करने में मदद मिलती है। दालचीनी पाउडर को नींबू के रस में मिलाकर उसका पेस्ट तैयार करके उसे गुनगुने पानी के साथ लें
हाई बीपी के लक्षण-
छाती में दर्द, चक्कर आना, चेहरा लाल होना, सांस लेने में मुश्किल, कमजोरी, धुंधली नजरें, पेशाब में खून आना, थकान, टेंशन, दिल की धड़कन में गड़बड़ी, सिरदर्द, नाक से खून आना।
बीपी हाई होने के कारण-
बीपी हाई होने के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, जैसे- फैमली हिस्ट्री, जेनेटिक, उम्र और सबसे बड़ा कारण खराब जीवनशैली।
हाई बीपी के जोखिम-
हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट अटैक, एन्यूरिज्म, हार्ट फेलियर, किडनी की बिमारी, आंखों से संबंधित समस्याएं, मेटाबोलिक सिंड्रोम, मेमोरी लॉस, डिमेंशिया, जैसी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।