बिहार के लोगों को पटना-रांची वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है। 26 जून को इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा। रेलवे ने 12 जून को इस ट्रेन का ट्रायल किया था। इस दौरान कई तरह की खामियां उजागर हुई हैं। पटना से रांची औैर रांची से पटना तक वंदे भारत ट्रेन के 756 किलोमीटर के ट्रायल रन में जगह-जगह खतरा दिखा।
कई जगह इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े। कई बार अचानक ट्रेन की गति धीमी करनी पड़ी। 12 जून को ट्रायल रन में आई दिक्कतों और खतरों को निरीक्षण दल ने जोन को बताया है। पटना आने के बाद ट्रेन के इंजन पर खून के धब्बे भी बिखरे मिले थे। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद एक जगह ट्रेन जानवर से टकरा गई।
बेस से हजारीबाग टाउन, मेसरा से सनकी, पिपराडीह से बरही-कोडरमा, बरकाकाना से हजारीबाग के बीच ट्रैक पर जानवरों की आवाजाही रिपोर्ट की गई है। इन जगहों पर फेंसिंग कराने का सुझाव दिया गया है।
जोन को मिली प्राथमिक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पटना से रांची के बीच ट्रैक पर जानवर से लेकर आदमी तक टहलते हैं। रेलवे की भाषा में जगह-जगह सीआरओ (काउ रन ओवर) प्रोन जोन और एमआरओ (मैन रन ओवर) प्रोन जोन घोषित किया गया है। सेमी हाइस्पीड ट्रेन की राह में पहली बाधा पटना में मीठापुर पुल के पास मिली, जहां लोग ट्रैक पर बैठे मिले। पीजी लाइन पर तारेगना के पास अवैध लेवल क्रासिंग पर ट्रैक्टर और एक बाइक ट्रेन से टकराने से बची। रिपोर्ट में सबसे ज्यादा परेशानी अवैध क्रासिंग को लेकर ही बताई गई है।