रायबरेली/लालगंज। सरेनी थाना क्षेत्र के गेगासो पुलिस चौकी के तहत सूखे व रोगग्रस्त पेड़ों को काटने की परमिट लेने की आंड में हरे पेड़ों को काटने का सिलसिला जारी है। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद वन विभाग और पुलिस विभाग की मिलीभगत से हरे पेड़ों की कटान जारी है। रुपयों के खेल के आगे योगी सरकार के निर्देश भी बेमायने साबित हो रहे हैं।
पुलिस संरक्षण में हरे पेड़
पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह के सख्त निर्देशों के बावजूद सरेनी पुलिस के संरक्षण में ठेकेदार हरे पेड़ काटने में जुटे हुए हैं। बिचौलियों की माने तो ठेकेदार पेड़ काटने के एवज में खासी रकम सम्बंधित थाने को भेंट चढ़ाता है जिसके बाद ही उसके लेबर बड़े आराम से हरे पेड़ों पर आरी और कुल्हाड़ी चलाते हैं। इस खेल में वन कर्मियों की भी मिलीभगत शामिल है। ठेकेदार और पेड़ मालिक द्वारा सूखे और रोगग्रस्त पेड़ों की कटान का परमिशन लेकर हरे पेड़ों को काट कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
पीआरवी की सूचना के बावजूद
जानकारी के मुताबिक गेगासो ग्राम पंचायत अंतर्गत शिवपुरी गांव से बाजपेयी पुर को जाने वाली सडक पर आम व महुआ के पेड़ों की कटान बीते रविवार से चल रही है।डायल 100,वन क्षेत्राधिकारी सहित डीएफओ को हरे पेड़ कटने की सूचना दिए जाने के बावजूद भी अधिकारियों की कान पर जूं तक नहीं रेंगा और हरे पेड़ों की कटान सोमवार को भी जारी रही। किसी भी जिम्मेदार ने मौके पर पहुंच कर मामले की जाँच करना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी। मामले की शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा जिलाधिकारी से भी की गयी है लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाई नहीं की गयी है।मौके पर पहुंची 1758 पीआरवी की पुलिस टीम ने भी हरे पेड़ काटे जाने का मामला पकडा है, जिसकी सूचना उच्चाधिकारियो को दी गयी है। लेकिन अभी तक किसी भी उच्च अधिकारी ने हरे पेड़ों का कटना बंद नहीं करवाया। ऐसे में सरकार की पर्यावरण को बचाने की मुहिम कितना कारगर साबित ये सोचने का विषय है।
रिपोर्ट-रत्नेश मिश्रा