हिंडनबर्ग विवाद पर मंगलवार को अडानी ग्रुप की एजीएम (Adani Group AGM) में बोलते हुए समूह के मुखिया गौतम अडानी (Gautam Adani) ने कहा कि यह ग्रुप की छवि खराब करने की कोशिश थी।
उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट अपने फायदे को ध्यान में रखकर और गलत सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया था। गौतम अडानी ने कहा कि जबकि कमेटी को किसी भी प्रकार का नियामक विफलता नहीं मिला। बता दें, गौमत अडानी एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।
एजीएम को संबोधित करते हुए गौतम अडानी ने कहा कि रिपोर्ट का मकसद कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नीचे लाकर मुनाफा कमाना था। उन्होंने कहा, “हमने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अपने फुली सब्सक्राइब्ड एफपीओ को वापस ले लिया था।”
शेयर होल्डर्स को संबोधित करते हुए गौतम अडानी ने बताया है कि वित्त वर्ष 23 के दौरान ग्रुप का EBIDTA 36% की ग्रोथ दर्ज करने में सफल रहा है। इस दौरान अडानी ग्रुप का EBIDTA बढ़कर 57,219 करोड़ रुपये रहा है। वहीं, टोटल इनकम 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल करने के बाद 2.62 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा है कि टैक्स भुगतान के बाद प्रॉफिट भी 82 प्रतिशत बढ़कर 23,509 करोड़ रुपये रहा। इन सबके के अलावा नेट डेट EBIDTA रेशियो 3.2x से घटकर 2.8x पर आ गया। बता दें, अडानी ग्रुप के नए बिजनेसेज का समूह के EBIDTA में 50 प्रतिशत का योगदान है।
गौतम अडानी ने कहा कि हमारा ट्रैक रिकॉर्ड खुद बोलता है। उन्होंने बुरे वक्त में सपोर्ट करने वाले सभी स्टेकहोल्डर्स का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इस संकट के दौर में भी हमनें अरबों इंटरनेशनल निवेश लाया। वहीं, किसी रेटिंग एजेंसी ने भी हमारी रेटिंग में कटौती नहीं किया है।”