राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया है। गुढ़ा पायलट कैंप के माने जाते हैं।
दरअसल, सीएम गहलोत ने राजेंद्र गुढ़ा को कांग्रेस हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद बर्खास्त करने का फैसला लिया है। प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गुढ़ा के विधानसभा में दिए गए बयान के आधार पर रिपोर्ट दिल्ली भेजी थी। सीएम गहलोत ने भी हाईकमान से बात की। इसके बाद हरी झंडी मिलने के बाद बर्खास्त करने की फाइल राजभवन भिजवाई गई। गहलोत दूसरी बार पायलट कैंप पर आक्रामक हुए है।
बता दें 2020 में पहले सचिन पायलट को डिप्टी सीएम के पद से बर्खास्त किया जा चुका है। जबकि पायलट कैंप के माने जाने वाले दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीना से भी इस्तीफे ले लिए गए थे। सचिन पायलट गुढ़ा के मामले में चुप्पी साधे हुए है। मंत्री गुढ़ा ने विधानसभा में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को निशाने पर ले लिया था। राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा- हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। हम महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल रहे हैं।
सीएम गहलोत ने एक तीर से दो निशाने साधे है। गुढ़ा के बहाने बयानवीरों को सख्त मैसेज दिया है। जबकि सचिन पायलट को भी इशारों में चेताया है। सियासी जानकारों का कहना है कि सीएम अशोक गहलोत ने गुढ़ा को मंत्री पद से हटाकर मैसेज दिया है कि पायलट तेवर अब बर्दास्त नहीं। बता दें राजेंद्र गुढ़ा 21 नंवबर 2021 को मंत्रिमंडल पुनर्गठन के दौरान राज्यमंत्री बनाए गए थे, लेकिन मनचाहा विभाग नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। गहलोत सरकार के सियासी संकट के दौरान सरकार के पक्ष में खड़े रहे गुढा ने बाद में पाला बदल सचिन पायलट कैंप में शामिल हो गए। गुढ़ा सीएम गहलोत और उनके करीबी मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी पर जमकर हमला बोलते रहे हैं।