राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं। यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशाना 205.33 मीटर को पार कर सुबह 6 बजे 205.75 मीटर पर पहुंच गया है।
इसके बाद सुबह 7 बजे यमुना का जलस्तर ओल्ड यमुना ब्रिज (लोहा पुल) 205.81 पर पहुंच गया। एक गंभीर बात यह भी है कि यमुना के जलस्तर को लेकर चेतावनी जारी की गई है कि इसका जलस्तर 206.7 मीटर को पार कर सकता है। बता दें कि यमुना के जलस्तर के इस लेवल पर पहुंचने के बाद नदी के नजदीक निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की जरूरत पड़ती है। सेंट्रल वाटर कमिशन ने अनुमान जताया है कि रविवार की शाम 4 बजे तक जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंच सकता है।
बहरहाल दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यहां हिंडन नदी उफान मारने लगी है। हिंडन नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। इसकी वजह से आसपास के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पुलिस मौके पर पहुंचे थी और इसे लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर सुरेश राव ए कुलकर्णी ने कहा, Chhijarsi से लेकर इकोटेक तक बाढ़ का पानी निचले इलाके के घरों में समा गया। हालांकि, हिंडन नदी ने अभी खतरे के निशान को पार नहीं किया है। हिंडन नदी में पानी का बहाव 10,575 क्यूसेक बढ़ने के बाद गाजियाबाद में रहने वाले करबी 1,000 लोगों को अब तक वहां से निकाला गया गया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। राज नगर एक्सटेंशन के आसपास के इलाके में भी बाढ़ का पानी घुस आया है।
इससे पहले शनिवार की रात दस 10 बजे तक नदी का जलस्तर 205.02 मीटर तक पहुंच गया था। हरियाणा के हथिनिकुंड बैराज से भी पानी छोड़ा गया है। बहरहाल बैराज से करीब 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की वजह से दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है। दिल्ली में एक बार फिर आफत की आहट ने बेचैनी बढ़ा दी है। दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मर्लेना ने कहा कि हालात पर नजर है।
स्थिति को देखते हुए सरकार ने वहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए जरूरी उपाय शुरू किये हैं। हालात से निपटने के लिए यमुना बाजार और यमुना खादर तथा कुछ अन्य इलाकों में अधिकारियों को कहा गया है कि सभी जरूरी उपायों को सुनिश्चित किया जाए। शनिवार को अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में चल रहे राहत कार्यों को प्रभावित कर सकता है।