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राज्यपाल ने नैक मूल्यांकन के लिए एसएसआर के प्रस्तुतीकरण की समीक्षा की

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा के नैक मूल्यांकन हेतु एसएसआर के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की।

राज्यपाल ने बैठक में नैक के सभी सातों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालय द्वारा तैयार एसएसआर की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने पूरा प्रस्तुतिकरण एक ही प्रारूप पर बनाने, सभी क्राइटेरिया में गतिविधि युक्त जियो टैग फोटो लगाने, सभी फोटो में गतिविधि का विवरण दर्शाने वाले कैप्शन लगाने तथा एक क्राइटेरिया में प्रयुक्त फोटो को अन्य क्राइटेरिया में पुनरावृत्ति न करने का विशेष निर्देश दिया। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में गुणवत्तापूर्ण फोटो लगाने को कहा।

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क्राइटेरिया-2 पर चर्चा करते हुए उन्होंने विदेशों में प्रोजेक्ट और अन्य अध्ययन के लिए गए विश्वविद्यालय के छात्रों का विस्तृत विवरण लगाने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय की अधिकतम सुविधाओं को ई-सुविधा से जोड़ने, परीक्षा प्रक्रिया में डिजिटाइजेशन बढ़ाने, विद्यार्थियों को उनके डाक्यूमेंट ऑनलाइन उपलब्ध कराने की सुविधा देने, विश्वविद्यालय के न्यूज लैटर को अर्द्धवार्षिक से मासिक करने और विद्यार्थियों का फीडबैक शामिल करने को कहा।

क्राइटेरिया-3 में उन्होंने ड्रोन के उपयोग की गतिविधि में छात्राओं की प्रतिभागिता की कमी को लक्ष्य करते हुए कहा कि प्रत्येक गतिविधियों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अवश्य दर्शाएं। उन्होंने पशुपालन के साथ-साथ कृषि का ज्ञान भी विद्यार्थियों को देने को कहा। इसी क्रम में इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड लर्निंग रिसोर्सेज पर चर्चा करते हुए उन्होंने पुस्तकालय खुले रहने में विश्वविद्यालय द्वारा की गई अतिरिक्त समयवृद्धि को प्रस्तुतिकरण में दर्शाने को कहा।

उन्होंने पशुओं के ऑपरेशन के उपरांत विभिन्न अवयवों को दर्शाने वाली विश्वविद्यालय की पैथोलॉजी को म्यूजियम की तर्ज पर बेहतर करने को कहा। उन्होंने कहा कि विवरण में विश्वविद्यालय की गतिविधियों को बेहतर संयोजन के साथ प्रस्तुत करें। स्टूडेंट सपोर्ट एण्ड प्रोग्रेशन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को जनपद के अन्य विश्वविद्यालय की गतिविधियों के साथ भी जोड़ें। उन्होंने वर्ष 2019 में विश्वविद्यालय में हुई वृहद गतिविधियों का स्मरण भी कराया और उन्हें प्रस्तुतिकरण में दर्शाने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रस्तुतिकरण में जिन ई-सुविधाओं को दर्शाया गया है, उनके प्रमाण हाइपर लिंक में अवश्य लगाएं।

प्रस्तुतिकरण के विविध बिंदुओं पर राज्यपाल ने विवरण को सुदृढ़ और सशक्त करने के सुझाव दिए। विश्वविद्यालय की बेस्ट प्रैक्टिस के उल्लेख में उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांवों में ग्रामीण महिलाओं और कृषकों को दिए गए सहयोग से उनमें बढ़ी आर्थिक आत्मनिर्भरता, आंगनवाड़ियों में पोषण वाटिका लगवाने, पशुओं के टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल से स्वस्थ पशुओं के विकास, पशुओं की नस्ल सुधार के कार्य, पशुपालन मछली-पालन जैसे कार्यों के विकास, विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न गांवों में स्वयं रूचि लेकर पशुस्वास्थ्य के कार्यों का उल्लेख उन्होंने विवरण में करने को कहा। उन्होंने पशुओं की चिकित्सा हेतु विश्वविद्यालय में उपलब्ध दो एम्बुलेंस के माध्यम से किए कार्यों और इनकी बहुउपयोगिता को प्रस्तुतिकरण में जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि विविध कार्यों के लिए ग्रामवासियों को दिए गए प्रशिक्षण के विवरण और फोटोग्राफ भी प्रस्तुतिकरण में लगाएं।

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राज्यपाल ने बैठक में दिए गए सुझावों के अनुरूप प्रस्तुतिकरण में सुधार करने, क्राइटेरिया-7 का पुनर्लेखन करने को कहा। उन्होंने कहा कि टीम के सभी सदस्य एक साथ बैठकर प्रस्तुतिकरण में सुधार करें और सशक्त और सुदृढ़ एसएसआर बनाएं। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी भी उपस्थित थे।

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