- स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट विलेज बनाना है
- प्रत्येक ब्लॉक की 10 पिछड़ी ग्राम पंचायत का चयन कर उनमें विकास कार्यों पर करें, विशेष रूप से फोकस
- गांव-गरीब के विकास की योजनाएं समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाएं
- 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य गांव के विकास से ही होगा संभव
- गांव चौपाल से दो दिन पूर्व चलाया जाए गांव में स्वच्छता अभियान
- अमृत सरोवर व अमृत वाटिकाओं को ऐसे संवारें कि वह ऐतिहासिक बने
- योजनाओं के लाभार्थियों की सूची पंचायतों के स्थाई भवनो में लिखाई जाए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ग्राम उत्थान से ही देश का उत्थान,सम्भव है। देश की खुशहाली का रास्ता गांवो से होकर जाता है। हम सबको मिलकर स्मार्ट सिटी की तरह स्मार्ट विलेज बनाना है। उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाना है। श्री मौर्य आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमतीनगर लखनऊ में आयोजित प्रदेश के समस्त खण्ड विकास अधिकारियों के सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों का आह्वान किया कि वह प्रधानों की बैठक कर गांवो के विकास का मास्टर प्लान बनाएं।प्रत्येक ब्लॉक की 10 पिछड़ी ग्राम पंचायत का चयन कर उनमें विकास कार्यों पर विशेष रूप से फोकस करें, मुख्य धारा में लायें।
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उन्होंने कहा कि जिस तरह से आकांक्षात्मक जिलों, व आकांक्षात्मक विकास खण्डों में विशेष रूप से फोकस करके उनका सर्वांगीण विकास किया जा रहा है, उसी तरह से यह कार्य भी करना है, जिन ग्राम पंचायतों में अपेक्षाकृत विकास कम हो पाया है, वहां विभिन्न पैरामीटर्स पर अध्ययन, भ्रमण, व विचार विमर्श कर ठोस व प्रभावी रणनीति बनाकर विकास कार्य कराये जांय।
कहा कि खण्ड विकास अधिकारी विकास कार्यों के केन्द्र बिन्दु में रहते हैं, लगभग हर योजना के क्रियान्वयन में खण्ड विकास अधिकारियों की अहम भूमिका होती है और कई योजनाओं में विकास विभाग के अमले ने मिलकर देश व प्रदेश में नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं। अमृत सरोवरो के निर्माण व ग्राम चौपालो के आयोजन की चर्चा बड़े पैमाने पर हो रही है।
कहा कि बी डी ओ गांव -गरीब के विकास की योजनाएं समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाएं। प्रत्येक माह विकासखंड कार्यालय में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए।खंड विकास अधिकारी नवाचार करके नए आदर्श स्थापित करें। कहा कि अब प्रत्येक वर्ष 4 सितंबर को खंड विकास अधिकारियों का सम्मेलन होगा।
केशव मौर्य कहा कि ग्राम चौपाल के बहुत ही सार्थक परिणाम हासिल हो रहे हैं। गांव चौपाल से दो दिन पूर्व गांव में स्वच्छता अभियान चलाया जाए। कहा कि अमृत सरोवर व अमृत वाटिकाओं को ऐसे संवारें कि वह ऐतिहासिक बने। निर्देश दिए कि योजनाओं के लाभार्थियों की सूची पंचायतों के स्थाई भवनो में लिखाई जाए। कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य गांवों के विकास से ही संभव होगा । उन्होंने 10 खंड विकास अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और कहा कि हर ब्लॉक से एक -दो खंड विकास अधिकारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा।
ग्राम चौपालों की सफलता की चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को प्रत्येक विकासखण्ड की दो ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक शुक्रवार को प्रदेश में आयोजित ग्राम चौपालों में औसतन एक लाख ग्रामीण आ रहे हैं और औसतन 9हजार समस्याओं का समाधान ग्राम चौपालों में किया जा रहा है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ग्राम चौपालो से दो दिन पूर्व वहां पर विशेष सफाई अभियान चलाया जाए और ग्राम चौपाल का व्यापक प्रचार प्रचार कराया जाए। ग्राम चौपालों के रोस्टर की प्रति जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराकर उन्हें चौपाल में आमन्त्रित किया जाए।कहा कि ग्राम चौपालों को इतना भव्य व सफल बनायें कि आने वाले समय में इसकी चर्चा मन की बात में हो।
उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर व अमृत वाटिकाओं को इस तरह से सजाया- संवारा जाय, सुरक्षित व संरक्षित रखा जाय, कि वह ऐतिहासिक धरोहर बन जांय, और आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान साबित हों।कहा कि वन विभाग के बाद वृक्षारोपण का सबसे बड़ा लक्ष्य ग्राम्य विकास विभाग का होता है,और लक्ष्य के मुताबिक वृक्षारोपण हो भी रहा है, कहा कि अब हमे वृक्ष बचाने व सुरक्षित रखने में भी ग्राम्य विकास विभाग को सबसे आगे रखना है। उन्होंने कहा कि खण्ड विकास अधिकारी कैम्प लगाकर दिव्यांग जनों की मदद करें।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कतिपय ऐसे प्रकरण संज्ञान में आते हैं कि आवास योजना में पहले लाभार्थी को पात्र दिखाया गया बाद में अपात्र दिखा दिया गया, कहा कि खण्ड विकास अधिकारी ऐसे मामलों को बहुत गंभीरता से लें, स्वयं जांच करें, बिना किसी तथ्यपूर्ण कारण के पात्र को अपात्र या अपात्र को पात्र न किया जाए।
लाभार्थियों की पात्रता सूची सार्वजनिक रखी जाए
उन्होंने कहा कि विकास खण्डों के जर्जर भवनों को सही कराने की कार्यवाही चरणबद्ध तरीके से की जायेगी।कहा कि खण्ड विकास अधिकारियों को स्टेनो देने व ग्राम विकास अधिकारी की तैनाती का अधिकार देने के मामले पर विचार किया जायेगा। पी डी एस संवर्ग की समस्यायों/मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि हर समस्या का हर सम्भव निदान करने का प्रयास किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण की किसी भी योजना में भ्रष्टाचार या लापरवाही किसी भी दशा में क्षम्य नहीं होगी।
महिला सशक्तिकरण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री जी के देश में समूहों की दो करोड़ दीदियों को लखपति बनाने के विजन को मूर्तरूप देने में उत्तर प्रदेश की अहम् भूमिका होगी ,हमें कम से कम इसका चौथाई हिस्सा पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए। महिलाओं की आमदनी बढ़ने से पूरे परिवार में समृद्धि आती है। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों में नयी ऊर्जा व नये उत्साह का संचार करते हुये कहा कि कि ठान लें ,तो कोई भी कार्य असम्भव नहीं है। गांवों की श्रम शक्ति खोखली न होने पाये, इस पर भी हमें ध्यान देना है और ग्रामीणो को प्रेरित करना है।
राज्यमंत्री ग्राम्य विकास विजयलक्ष्मी गौतम ने योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता व ईमानदारी के साथ करने के निर्देश खण्ड विकास अधिकारियों को दिए। कहा कि बीडीओ जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाये। कहा कि सरकार गांव व गरीबों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास हिमांशु कुमार ने कहा कि प्रदेश स्तर पर खण्ड विकास अधिकारियों का सम्मेलन कराना उप मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण पहल है, निश्चित रूप से इसके सार्थक परिणाम हासिल होगें। इससे ग्रास रूट पर समस्याओ के समझने का अवसर मिल रहा है और काफी हद तक संवादहीनता की स्थिति भी समाप्त होगी। कहा कि हम सब लोग इस सम्मेलन के माध्यम से ग्राम सेवा करते हुये राष्ट्र की सेवा करने में और अधिक सक्षम व दक्ष हों सकेंगे।
ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन और अधिक तत्परता के साथ किया जायेगा। लाभार्थी चयन में पूरी पारदर्शिता बरती जायेगी। कहा कि नदियों के पुनरूद्धार का बहुत ही पवित्र काम मनरेगा से कराया गया है। मनरेगा से गांव में जलजमाव की समस्या को समाप्त करने व गांवों की आन्तरिक गलियों को मनरेगा से बनाये जाने के निर्देश दिए। सम्मेलन में राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के अपर निदेशक बीडी चौधरी, उपायुक्त ग्राम्य विकास विभाग, अखिलेश कुमार सिंह, राघवेन्द्र सिंह, मनरेगा सेल के उच्चाधिकारी व सभी जिलों से आये खण्ड विकास अधिकारीगण मौजूद रहे।