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नेपाल में पांचवीं सदी के बौद्ध स्तूप का भारत की मदद से पुनर्निर्माण

नेपाल में 2015 में आए भूकंप के दौरान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए पांचवीं सदी के बौद्ध स्तूप का भारत की मदद से पुनर्निर्माण किये जाने के बाद सोमवार को यहां उद्घाटन किया गया। नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव और ललितपुर महानगर के महापौर चिरी बाबू महाराजन ने श्री नेपीचंद्र महाविहार की नयी इमारत का उद्घाटन किया।

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इसका पुनर्निर्माण भारत सरकार के भूकंप के बाद पुनर्निर्माण अनुदान के तहत नेपाली रुपये 3.84 करोड़ (भारतीय 2.40 करोड़ रुपये) की लागत से किया गया। काठमांडू से सात किमी पूर्व में ललितपुर जिले में स्थित पांचवीं शताब्दी का बौद्ध स्तूप 2015 के भूकंप के दौरान गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था।इस भकूंप त्रासदी में लगभग नौ हजार लोग मारे गए थे और 21 हजार से से अधिक घायल हुए थे।

नेपाल में पांचवीं सदी के बौद्ध स्तूप का भारत की मदद से पुनर्निर्माण

स्मारक का पुनर्निर्माण कार्य इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (इंटैक) की तकनीकी सहायता के तहत किया गया है। उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन के दौरान राजदूत श्रीवास्तव ने कई क्षेत्रों में भारत और नेपाल के बीच चल रहे मजबूत सहयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत पहले भी सांस्कृतिक विरासत परियोजनाओं की बहाली के लिए नेपाल के साथ काम करता रहा है। उन्होंने कहा कि यह ‘हमारी साझा संस्कृति का प्रतिबिंब है, जो हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों की ताकत है’।

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ललितपुर के महापौर महाराजन ने अपने जिले के साथ-साथ पूरे नेपाल में विरासत संरक्षण पहल के लिए भारत को धन्यवाद दिया। श्री नेपीचंद्र महाविहार के अलावा भारत ने ललितपुर में आधा दर्जन विरासत स्थलों के पुनर्निर्माण में सहायता प्रदान की है।

रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी

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