अयोध्या पर निर्णय सुनाने के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पीठ के अन्य जजों को शनिवार रात डिनर के लिए लेकर गए. पांच जजों की पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अतिरिक्त न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एस ए नजीर, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे व न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़ शामिल थे.
अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद पर शनिवार को प्रातः काल फैसला देने के तुरंत बाद ही सीजेआई गोगोई ने निर्णय सुनाने वाले सभी जजों के लिए (जिसमें वे खुद भी शामिल हैं) डिनर की घोषणा की व वे खुद ही उन्हें ताज मानसिंह होटल ले गए.
उच्चतम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक निर्णय में एक सदी से अधिक पुराने मुद्दे का पटाक्षेप करते हुए अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया व साथ में व्यवस्था दी कि पवित्र नगरी में मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाए.
न्यायालय ने अपने आदेश में बोला कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन अब केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे. पीठ ने केन्द्र सरकार से बोला कि मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मत निर्णय दिया व बोला कि हिन्दुओं का यह विश्वास निर्विवाद है कि संबंधित स्थल पर ही भगवान राम का जन्म हुआ था तथा वह प्रतीकात्मक रूप से धरती के मालिक हैं.