ईरान के शीर्ष नेता Ayatollah आयतुल्ला अली खुमैनी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की प्रतिष्ठा धूमिल की है। इस्लामिक रिपब्लिक पर नए प्रतिबंध से वह अंततः पराजित ही होंगे।
हवाला देते हुए Ayatollah
अपने फारसी ट्विटर खाते पर तेहरान में एक भाषण का हवाला देते हुए Ayatollah आयतुल्ला अली खुमैनी ने कहा ’अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने देश की प्रतिष्ठा और उसके उदारवादी लोकतंत्र को धूमिल किया है। अर्थव्यवस्था और सेना की शक्ति, जिसे अमेरिका की बड़ी ताकत कहा जाता है, वह भी कमजोर हो रही है।’
ईरान के शीर्ष नेता ने कहा, ’अमेरिका और ईरान के बीच संघर्ष के 40 वर्ष हो चुके हैं। अमेरिका ने अभी तक हमारे खिलाफ सैन्य, आर्थिक और मीडिया वेलफेयर जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं।“
ट्रंप ने मई में 2015 के परमाणु समझौते से हटने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने ईरान पर फिर से प्रतिबंध थोप दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से वैश्विक शक्तियों के बीच कोहराम मचा था। बड़ी ताकतों का कहना था कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम प्रतिबंधित करने का वादा निभाने में जुटा है।
वाशिंगटन ने कहा कि वह ईरान के साथ नया सौदा करना चाहता है। उसके क्षेत्रीय हस्तक्षेप और मिसाइल कार्यक्रम में कटौती चाहता है। तेहरान उसकी इन मांगों को ठुकरा चुका है। खुमैनी ने कहा कि अमेरिका के इन सभी कदमों का लक्ष्य उस पर फिर से अपना प्रभुत्व हासिल करना है। नया प्रतिबंध ईरान की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने और इसे पिछड़ा रखने के लिए है।
ईरान अमेरिकी प्रतिबंध से उबरने में जुटा है। अगले सप्ताह से उसका महत्वपूर्ण तेल उद्योग संकट में फंसने जा रहा है। देश एक आर्थिक संकट के जाल में घिर गया है, जिससे कीमतों में वृद्धि, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन होने लगे हैं। सोमवार से प्रभावी होने जा रहे तेल प्रतिबंध का असर देश के राजस्व के सबसे बड़े स्रोत पर पड़ेगा। इससे जहाजरानी और वित्तीय लेनदेन प्रभावित होगा।