लखनऊ में चिनहट इलाके में स्थित दयाल रेजीडेंसी सोसाइटी के मकान नंबर ए-9 में बुधवार देर रात शराब पार्टी करने के बाद बीबीडी की छात्रा की दोस्त ने ही पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी। खून से लथपथ छात्रा के शव को बाइक से लोहिया अस्पताल ले गए। रजिस्टर पर उसके पिता का नाम व मोबाइल नंबर लिखा और वहीं पर शव छोड़कर भाग गए। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस की मदद से पुलिस कुछ ही घंटे में आरोपी तक पहुंची और उसको गिरफ्तार कर लिया। विवाद किस वजह से ये स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस की तफ्तीश जारी है।
हरदोई कोतवाली रोड निवासी संतोष कुमार त्रिपाठी यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक में सीनियर मैनेजर हैं। कन्नौज में उनकी तैनाती है। उनकी 23 वर्षीय बेटी निष्ठा त्रिपाठी बीबीडी यूनिवर्सिटी से बीकॉम थर्ड इयर की पढ़ाई कर रही थीं। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि निष्ठा मूलरूप से बलिया के रहने वाले आदित्य देव पाठक के सपर्क में थी। आदित्य चिनहट की दयाल रेजीडेंसी सोसाइटी में एक मकान में किराए पर रह रहा था। रात में निष्ठा आदित्य के घर पर ही थी। आदित्य का दोस्त मोनू भी मौजूद थे। यहां शराब पार्टी है। मोनू व आदित्य भयंकर नशे में थे। इसी दौरान किसी बात को लेकर विवाद हुआ। विवाद के दौरान ही आदित्य ने पिस्टल से निष्ठा के सीने में गोली मार दी। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों बाइक से निष्ठा को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचे। जब लगा कि वह फंस जाएंगे तो शव छोड़कर भाग निकले। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी। विभूतिखंड पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। शुरुआती जांच में आदित्य की मुख्य भूमिका सामने आई है। उसकी गिरफ्तारी हो गई है। मोनू की भूमिका जांची जा रही है।
पिता का दावा….निष्ठा को कर रहा था परेशान
बेटी की हत्या की खबर सुनते ही उसके पिता संतोष, मां, भाई पार्थ व अन्य परिजन शहर पहुंचे। संतोष ने बताया कि पिछले महीने 11 अगस्त को निष्ठा का जन्मदिन था। तब वह घर गई थी। बीते शुक्रवार को ही वह वापस लौटी थी। दावा है कि सोमवार को निष्ठा ने उनको बताया था कि इंस्टाग्राम पर एक पंडित नाम का शख्स बहुत परेशान कर रहा है। तब संतोष ने बेटी से कहा था कि उसको ब्लॉक कर दो। बाकी दो तीन दिनों लखनऊ आकर समस्या के समाधान करने की बात कही थी। संतोष को आशंका है कि निष्ठा को जबरन वहां ले जाया गया।
आरोपी बोला…विवाद के दौरान धोखे से चली गोली
पुलिस ने आरोपी आदित्य व उसके साथी मोनू से लंबी पूछताछ की। दोनों ने बताया कि मोनू घर पर था। करीब दस बजे निष्ठा वहां पहुंची। रात करीब एक बजे नशे में धुत होकर आदित्य आया। उसके बाद फिर शराब पी गई। मोनू के मुताबिक वह करीब ढाई बजे कमरे में सामने चला गया था। निष्ठा व आदित्य दूसरे कमरे में थीं। तकरीबन 3:30 बजे गोली चलने की आवाज आई। जब वह उठा तो देखा कि किचन में खून से लथपथ निष्ठा पड़ी थी। आदित्य वहीं पर था। उसके हाथ में पिस्टल थी। आदित्य का कहना है कि विवाद के दौरान पिस्टल निष्ठा ने उठा ली थी। छीनाझपटी में गोली चल गई जो छात्रा को लग गई।