मिडिल ईस्ट से लेकर यूएस मक कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. इसका प्रमुख कारण कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ना है. जहां एक ओर यूएस और ओपेक की ओर से डिमांड से ज्यादा सप्लाई बढ़ा देना है. वहीं डॉलर इंडेक्स में इजाफे की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में दबाव बढ़ रहा है. यही वजह से क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है. चीन के इकोनॉमिक आंकड़ें भी बेहतर देखने को नहीं मिले हैं. जिसकी वजह से डिमांड कंसर्न बढ़ गए हैं.
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से अब भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में कम होने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं. जानकारों की मानें तो सरकार और पेट्रोलियम कंपनियों को अब पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती करनी चाहिए. जानकारों की मानें तो अमेरिका में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए अभी और ज्यादा कदम उठाने होंगे.
मुमकिन है कि अगली फेड मीटिंग में ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा हो. जिससे डॉलर इंडेक्स में तेजी देखने को मिलेगी और कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिलेगी. ऐसे में आम लोगों को राहत देने का यही राइट टाइम हो सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत कितनी हो गई हैं.
क्रैश हुए कच्चे तेल के दाम
कच्चे तेल के दाम बुधवार को क्रैश होते हुए दिखाई दे रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम करीब 5 फीसदी की गिरावट के साथ 81.38 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूटीआई के दाम करीब 5 फीसदी की गिरावट के साथ करीब 77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गए हैं. मंगलवार को इंटरनेशनल मार्केट कच्चे तेल के दाम इजरायल हमास वॉर के बाद पहली बार 84 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बद हुए. मौजूदा समय कच्चे तेल की कीमत करीब 4 महीने के लोअर पर लेवल पर आ गई है. जिसमें और गिरावट देखने को मिल सकती है.
80 डॉलर से नीचे आ सकते हैं कच्चे तेल के दाम
कच्चे तेल की कीमत आने वाले दिनों में 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे भी आ सकते हैं. इसका प्रमुख कारण डिमांड और महंगाई है. ग्लोबली डिमांड कम है. अमेरिकी रिजर्व में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. चीन के आंकड़ें बेहतर नहीं है. ऐसे में यहां से भी डिमांड कंसर्न देखने को मिल सकता है. ओपेक की ओर से सप्लाई में थोड़ी ढील देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर अमेरिका में महंगाई को कम करने के लिए फेड दरों में इजाफा हो सकता है. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिल सकती है. जिसका असर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिल सकती है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे जा सकते हैं.
भारत में सस्ता होगा पेट्रोल और डीजल?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट देखने को मिलेगी? जवाब है हां. जानकारों की मानें जिस तरह के संकेत इंटरनेशनल मार्केट में देखने को मिल रहे हैं. उससे यही लगता है कि कच्चे तेल की कीमतें आने वाले दिनों में कम ही होंगी बढ़ेंगी नहीं. ऐसे में आम लोगों को पेट्रोल और डीजल की कीमत में राहत मिल जानी चाहिए. एक्सपर्ट के अनुसार पेट्रोल और डीजल की कीमत में 5 से 7 रुपए की गिरावट आने की संभावना है. पेट्रोलियम कंपनियों का पिछले साल का नुकसान पूरा हो चुका है. बीती तीन तिमाहियों से पेट्रोलियम कंपनियों को मुनाफा हो रहा है. ऐसे में आम लोगों का दबाव लगातार बढ़ रहा है.
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत
वहीं दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. देश के महानगरों में आखिरी पेट्रोल और डीजल की कीमत में 21 मई के दिन बदलाव देखने को मिला था. उस वक्त देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में टैक्स को कम किया था. उसके बाद कुछ प्रदेशों ने वैट को कम या बढ़ाकर कीमतों को प्रभावित करने का प्रयास किया था. दिलचस्प बात ये है कि जब से देश में इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोज बदलाव होने की शुरुआत हुई है, तब से यह पहला मौका है जब पेट्रोलियम कंपनियों ने रिकॉर्ड टाइमलाइन के दौरान कोई बदलाव नहीं किया है.